यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति मुर्मु आज रायपुर में.. भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर इन कार्यक्रमों में होंगी शामिल, ये रहा मिनट टू मिनट का शेड्यूल शहर के शीतला मंदिर में पूजन करने वाले राज महराज कहते हैं कि रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। यह भाई बहन का सबसे खास त्योहार है, जिसे हर साल सावन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं। इसे मनाने को लेकर कोई विशेष मुहुर्त की आवश्यकता नहीं होती।
यह भी पढ़ें : CM बघेल ने BJP पर किया तीखा हमला, बोले – अडानी को दी खदानें निरस्त होना चाहिए या नहीं मुहुर्त को भी जाने: पंडित राज की माने तो शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। वैसे 30 अगस्त को सुबह 6 बजे से 10.58 तक रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है। इसके बाद 10.59 से रात 9.2 बजे भद्राकाल रहेगा। इसके बाद रात 9.3 बजे से गुरुवार सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक भी रक्षाबंधन मनाया जा सकता है। वैसे राखी बांधने के लिए दोपहर का समय उपयुक्त होता है, लेकिन साल 30 और 31 अगस्त दोनों में किसी भी दिन दोपहर में राखी बांधने के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं है।
यह भी पढ़ें : CG Politics : गैस-सिलेंडर दाम की कटौती पर भाजपा- कांग्रेस में छिड़ी सियासी जंग, बैज ने लगाए गंभीर आरोप.. राखी बांधने से पहले तक बहन और भाई दोनों को व्रत रखना चाहिए। राखी बांधने की थाली में कुमकुम, राखी, रोली, अक्षत, मिठाई और नारियल जरूर रखें। सबसे पहले भाई के माथे पर तिलक लगाएं। इसके बाद भाई की आरती उतारें। अब भाई के दाहिने हाथ में रक्षासूत्र बांधे और भाई का मुंह मीठा कराए। पंडितों की माने तो हमेशा रेशम के धागे या सूती धागे वाली राखी को बांधना चाहिए। इसके बाद सोने और चांदी से बनी राखियों को अच्छा माना जाता है, लेकिन प्लास्टिक आदि से बनी राखी भाई को न बांधे और ना ही अशुभ चिह्नों वाली राखी भाई को बांधनी चाहिए।
यह भी पढ़ें : डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर भाजयुमो ने मच्छरदानी ओढ़कर किया प्रदर्शन, बोले – जल्द करेंगे CM हाउस का घेराव बाजार में तीन दिनों से है ज्यादा रौनक भाई की कलाई को सजाने के लिए बहनें अपनी-अपनी पसंद की राखी बाजार से खरीद रही हैं। मिठाई भी खूब बिक रही है, तो वहीं भाई अपनी बहनों को देने के लिए उपहार खरीद रहे हैं। इस तरह बाजार में पिछले दो-तीन दिनों सेे रौनक है, जो आज भी रहेगी।