एसपी त्रिलोक बंसल ने प्रेस वार्ता में बताया कि 25 अक्टूबर को वसूली की रकम लेकर राजनांदगांव लौट रहे सीमेंट व्यापारी के मुनीम झूमर देवांगन से दल्ली के पास बाइक रोककर लूटपाट करने के मामले का मास्टरमाइंड मिथलेश वर्मा और ईश्वर साहू निकले। दोनाें के ऊपर बड़ा कर्ज होने के चलते वे ऐसे किसी घटना को अंजाम देकर राशि निकालना चाहते थे।
प्लान बनाकर घटना को अंजाम दिया
आरोपी ईश्वर साहू नादिया गंडई के प्रहलाद साहू सीमेंट व्यापारी के पास चालक का काम करता था। उसे राजनांदगांव से वसूली के लिए आने वाले झूमर देवांगन की पूरी जानकारी थी कि वह बड़ी रकम वसूली कर अकेले वापस जाता है। उम्रदराज होने से उससे आसानी से लूट की जा सकती है। सप्ताह भर पहले ही उसने रैकी कर मुनीम का गंडई से घिरघोली तक पीछा किया। अपनी पहचान होने के चलते प्लान बनाकर मिथलेश व ईश्वर ने घटना को अंजाम देने 25 अक्टूबर को अपने रिश्तेदार भूपेन्द्र वर्मा, बहेराभाठा घुमका और उसके साथी सुनील वर्मा बहेराभाठा को शामिल किया। बाद के दो आरोपी अपनी बाइक से नर्मदा पहुँचे। जहाँ मास्टरमाइंड मिथलेश और ईश्वर ने भूपेन्द्र और सुनील को पीड़ित को दिखाया और घटना का प्लान तैयार किया।
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मिथलेश ने इस दौरान एक नाबालिग रिश्तेदार को भी इसमें शामिल किया। 25 अक्टूबर को मुनीम झूमर के वसूली की रकम लेकर नर्मदा से निकलते ही पांचों आरोपी दो बाइक से पीछा शुरू किया। सूनसान जगह तलाश रहे आरोपियों में से मिथलेश और ईश्वर दल्ली के पास रूके और बाकी तीन आरोपियों को घटना को अंजाम देने आगे भेजा। इस दौरान कलकसा चौक पहुँचते ही बाकी आरोपियों ने मुनीम से माचिस मांगने के नाम पर बाइक रूकवाई और उसका मोबाइल व रूपए से भरा बैग छीन का मौके से फरार हो गए। सूनसान खेत में जाकर घटना करने वाले आरोपियों ने लूट की 7 लाख 80 हजार चार सौ की रकम आपस में बांट ली। घटना के बाद से चौकस पुलिस ने इस दौरान सड़कों पर पांच सौ से अधिक फुटेज खंगाले तो संदेहियों की जानकारी के बाद पहचान कर बहेराभाठा पहुँचे भूपेन्द्र व सुनील को गिरफ्तार किया। नाबालिग से भी पूछताछ में पूरी कलई खुलने लगी।