जिसमें लाखों के तेंदूपत्ता जल कर राख हो गए थे। इस दौरान दहशत की वजह से तोड़ाई का काम भी प्रभावित हुआ था। इस साल संवेदनशील क्षेत्रों के फड़ों में पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। खबर है कि किसी भी नक्सल वारदात से निपटने वन विभाग की ओर से पुलिस से सहयोग मांगा गया है। जिले के तेंदूपत्ता की क्वालिटी उच्च स्तर की है। यहां के तेंदूपत्ता की मांग आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल में अधिक है।
इन जगहों के ठेकेदार हर साल नीलामी में भाग लेते हैं और तेंदूपत्ता की तोड़ाई के बाद अपने राज्यों में ऊंची कीमत पर बिक्री करते हैं। इससे वन विभाग की भी अच्छी कमाई हो जाती है। पिछले साल तेंदूपत्ता के फड़ में नक्सलियों द्वारा की गई आगजनी की घटना के बाद इस साल वन विभाग ने तोड़ाई के पहले पुलिस से संपर्क कर सुरक्षा देने मांग की थी।
पुलिस द्वारा इस साल तेंदूपत्ता संग्रहण के संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। सुरक्षा बल के जवान इन क्षेत्रों में लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मोहला-मानपुर एसपी वायपी सिंह ने तेंदूपत्ता संग्रहण केन्द्रों के संवेदनशील क्षेत्र में संबंधित थानों से जवानों को मॉनिटरिंग करने के निर्देश देने की बात कही है।
राजनांदगांव जिले के साथ-साथ नवगठित जिला मोहला-मानपुर व खैरागढ़ के वन परिक्षेत्रों में 5 मई से तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू हो गई है। तेंदूपत्ता के तोड़ाई के लिए 50 समितियां बनाई गई हैं। राजनांदगांव के बागनदी, छुरिया, आसरा, जोब और मोहला-मानपुर, अंबागढ़ चौकी एवं खैरागढ़ के साल्हेवारा व बकरकट्टा क्षेत्र के तेंदूपत्ता की क्वालिटी उच्च स्तर की है। तेंदूपत्ता संग्रहण करने के लिए 686 फड़ तैयार किए गए हैं। तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वालों के लिए इस साल मेहनताना की राशि बढ़ा दी गई है। 5500 रुपए प्रति हजार मानक बोरा पारिश्रमिक दी जा रही है।
ठेकेदारों से उगाही करते हैं नक्सली तेंदूपत्ता तोड़ाई के दौरान पिछले साल मोहला-मानपुर क्षेत्र के कई फड़ में नक्सलियों ने आग लगा दी थी। दहशत की वजह से तोड़ाई का काम प्रभावित हुआ था। नक्सलियों द्वारा तेंदूपत्ता तोड़ाई के दौरान ठेकेदारों से अवैध उगाही की जाती है। रकम नहीं देने पर नक्सली आगजनी सहित अन्य घटना को अंजाम देते हैं।
राजनांदगांव एसडीओ वन विभाग योगेश साहू ने बताया कि तीनों जिले में तेंदूपत्ता की तोड़ाई शुरू हो गई है। इस साल 80 हजार 800 मानक बोरा तोड़ाई का लक्ष्य है। किसी भी नक्सल वारदात से निपटने पुलिस से सहयोग मांगा गया है।