यह भी पढ़ें: New Laws: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में दर्ज हुई पहली FIR, नए कानून के तहत युवक ने लिखवाई रिपोर्ट उन्होंने मई 2024 में खैरागढ़ पुलिस अधीक्षक को एक लिखित शिकायत देते हुए आरोप लगाया है कि कि वे 2007 से विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं। लेकिन मोक्षदा चंद्राकर के कुलपति बनने के बाद से ही विवि प्रबंधन उनके साथ दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ित कर रहा है। आगे डॉ जितेश ने अपने शिकायत पत्र में लिखा कि तत्कालीन प्रभारी कुल सचिव डॉ. नीता गहरवार ने जातिगत दुर्भावना के कारण उन्हें निलंबित कर दिया।
वहीं शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने पाया कि आरोप सही हैं। इसके चलते पुलिस ने पूर्व कुल सचिव डॉ. नीता गहरवार के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। इस मामले पर टिप्पणी करते हुए खैरागढ़ एसडीओपी लालचंद मोहले ने कहा, “डॉ. जितेश गढ़पायले ने शिकायत की थी कि विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता नीता गहरवार द्वारा जातिगत भेदभाव और प्रताड़ना की जा रही है। जांच के दौरान आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद नीता गहरवार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और मामले की विवेचना की जा रही है।