ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारियों द्वारा बकायदा मेडिकल बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया गया था। इसके अलावा कुछ ने वैवाहिक कार्यक्रम का हवाला दिया, तो कुछ महिलाओं ने संतान के लालन-पालन को लेकर समस्या बताईं थीं। इस तरह कुल 106 आवेदनकर्ताओं की छुट्टी निर्वाचन आयोग द्वारा मंजूर कर ली गई है। इन कर्मचारियों की जगह दूसरे कर्मचारियों की ड्यूटी तय की जा रही है।
यह भी पढ़ें
Elephant Terror: गुस्से में आकर गजराज ने मचाई तबाही, जंगल से निकलकर घर को तोड़ा…सहम गए लोग
मिली जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग के लिपिक और शिक्षकों की ज्यादातर चुनावी ड्यूटी लगती है। इसके अलावा अन्य विभाग के अफसर व कर्मचारियों को भी तैनात किया जाता है, लेकिन फिलहाल गर्मी का मौसम होने के कारण कई कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए जुगत लगा रहे थे। इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिन्हें वाकई छुट्टी की जरूरत है, जांच के बाद उनका आवेदन स्वीकृत किया गया है। चुनाव ड्यूटी नहीं कर पाने को लेकर भारी संख्या में अर्जी देखकर अफसर भी हैरान हो गए थे। अफसरों ने अर्जी देने वाले कर्मचारियों को बुलाया और डॉक्टर्स से मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच करवाई। स्वास्थ्य जांच 71 कर्मचारियों का आवेदन फर्जी साबित हुए, जिनकी छुट्टी रद्द कर उन्हें चुनाव ड्यूटी करने आदेशित किया गया है। कल तक नाम वापसी का अवसर लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुल 19 अभ्यर्थियों का नाम निर्देशन फार्म स्वीकृत हुआ है। 8 अप्रैल नाम वापसी की अंतिम तिथि है। इसके बाद चुनाव चिन्हों का आबंटन होगा। बता दें कि संसदीय क्षेत्र में कुल 2223 मतदान केंद्र हैं, जहां चुनावी कार्य को संपन्न कराने के लिए छह हजार कर्मचारियों की जरूरत पडे़गी। चुनाव ड्यूटी लगने के बाद कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है।
आवेदन को आंकड़ों में समझे स्वास्थ्य गत कारण से आवेदन – 123
फिट – 52
अनफिट -71
विवाह संबधी – 23 स्वीकृत
संतान पालन – 30 स्वीकृत
कुल स्वीकृत – 105
फिट – 52
अनफिट -71
विवाह संबधी – 23 स्वीकृत
संतान पालन – 30 स्वीकृत
कुल स्वीकृत – 105
यह भी पढ़ें