लगातार सुअरों की मौत का कारण जानने के लिए जांच टीम शनिवार को वार्डों में पहुंचकर जांच पड़ताल की है। इस दौरान दो सुअरों का पीएम किया गया। हालांकि अभी स्पष्ट रूप से डॉक्टर कुछ भी नहीं कह रहे, उनका कहना है कि लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के स्पष्ट (CG Hindi News) कारणों का पता चल पाएगा। डॉ. रजनीश अग्रवाल ने बताया कि सुअरों की बीमारी से इंसानों को कोई खतरा नहीं है। इसके बाद वार्डवासियों ने राहत की सांस ली है।
पशु चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी अनुसार वर्तमान में पूरे देशभर में सुअरों में क्लासिकल स्वाइन फीवर बीमारी फैल रही है। इससे ही सुअरों की मौत हो रही है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यहां भी इसी बीमारी के चलते सुअरों की मौत हुई होगी। पशु चिकित्सा विभाग (Rajnandgaon News) के अफसरों ने बताया कि शहर में पालन करने वाले अपने पशुओं की जानकारी नहीं देते। इस वजह से टीकाकरण नहीं हो पा रहा। टीकाकरण होने पर सुअरों को अकाल मौत से बचाया जा सकता है।