मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को राजनांदगांव के बसंतपुर के सरकारी अस्पताल के गेट पर ही एक महिला ऑक्सीजन सिलेंडर लगाना पड़ा। यह महिला कोविड पॉजिटिव थी। पेंड्री स्थित कोविड अस्पताल में बेड नहीं होने के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों को बसंतपुर में भर्ती किया जा रहा है। यहां भी अब मरीजों को बेड नसीब नहीं हो रहा है। बेड नहीं तो अस्पताल के भीतर प्रवेश नहीं। लिहाजा ऑक्सीजन की कमी से जूझती इस महिला को अस्पताल के गेट पर ही परिजनों ने कुर्सी पर बिठाकर ऑक्सीजन लगा दिया।
बीमार महिला के भाई राकेश कलिहारी ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे बसंतपुर अस्पताल पहुंचने के बाद उसने डॉक्टरों से गुहार लगाई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। उसने बताया कि अस्पताल में पर्ची कटाकर वो भटक रहे थे पर कोई नहीं सुन रहा था। भाई राकेश और महिला के पति राजेन्द्र गंधर्व ने बताया कि बढ़ते कदम संस्था ने उन्होंने 5 हजार रुपए में सिलेंडर दिया है।
डोंगरगढ़ क्षेत्र के देवकट्टा की रहने वाली 40 साल की राजेश्वरी गंधर्व को उसके पति राजेन्द्र गंधर्व और भाई राकेश कल्याणी अस्पताल लेकर आए। कोरोना पॉजिटिव महिला की स्थिति ठीक नहीं थी। बुधवार दोपहर करीब दो बजे से अस्पताल पहुंची महिला के परिजन इलाज के लिए गुहार लगा रहे लेकिन अस्पताल के किसी स्टाफ के पास उसे देखने की फुर्सत नहीं थी। थक हारकर परिजनों ने 5 हजार रुपए में किराए से ऑक्सीजन सिलेंडर लाया और महिला को अस्पताल के गेट पर ही ऑक्सीजन सपोर्ट दे दिया।
महिला के गेट पर ही ऑक्सीजन लगाए जाने की तस्वीरें मीडिया द्वारा वायरल किए जाने और दबाव बनाए जाने के तीन घंटे बाद अस्पताल प्रबंधन की नींद खुली और महिला को भीतर लिया गया। तब कहीं जाकर कोरोना संक्रमित महिला का उपचार शुरू हुआ।
कोरोना पॉजिटिव महिला के पति राजेन्द्र ने बताया कि 21 अप्रेल को ही उनकी सास की मृत्यु हुई थी। उन्होंने बताया कि वे सब साथ रहते थे। बुधवार को पत्नी के पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे अस्पताल लेकर आए हैं। महिला को मीडिया और महापौर हेमा देशमुख के पुत्र मानव देशमुख के दबाव के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया है। मरीजों को लेकर अस्पताल प्रबंधन लापरवाह और संवेदनहीन बना हुआ है।