इस दौरान उन्हें सेवा नियम में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। मामले में यदि एफआईआर होती है, तो उन पर कानूनी कार्रवाई के साथ नौकरी से बर्खास्त भी किया जा सकता है। इससे पहले छुरिया सहकारी बैंक के प्रबंधक व सहायक प्रबंधक का इस मामले के बाद पहले ही स्थानांतरण किया जा चुका है।
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समिति प्रबंधक के खिलाफ उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना व अनुशाससनहीनता एवं लापरवाही के लिए दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई है। बता दें कि खोभा सोसाइटी में समिति प्रबंधक ने बैंक प्रबंधन से सांठगांठ करते हुए क्षेत्र किसानों के नाम फर्जी ढंग से कई लाख रुपए केसीसी लोन निकाल लिया था। Chhattisgarh News: बताया गया कि प्रबंधक ने कर्ज माफी के आस में यह पूरा खेल खेला था, लेकिन किसानों की शिकायत बाद इसका खुलासा हो गया। क्षेत्र के किसानों ने उनकी जानकारी के बगैर केसीसी लोन निकाले जाने की शिकायत की, मामले की जांच में शिकायत सही पाई गई है। हालांकि इससे पहले समिति प्रबंधक मुकेश गौतम में किसानों के नाम निकाले लोन को पटाकर किसानों को रसीद भी दे दी है। अब किसानों के नाम कोई कर्ज नहीं है।
खोभा सहकारी समिति के प्रबंधक के खिलाफ शिकायत मिली थी, शिकायत जांच में उनके द्वारा सहकारी संस्था के नियमों का उल्लंघन व अवहेलना करना पाया गया। इस वजह से उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।