यह भी पढ़ें:
CG News: शिक्षक मांगने डीईओ कार्यालय पहुंचे बच्चे, मिली जेल भेज देने की धमकी… राशन दुकानों के खुलने का दिन व समय निर्धारित नहीं
शासन जो
चावल प्राथमिकता वाले परिवार को नि:शुल्क प्रदान करती है। वह चावल शासन स्वयं ऊंची कीमत पर खरीद कर देते है। ऐसे मे इस तरह का कृत्य शासन को चुना लगाने जैसा ही है। बताया जाता है कि इस गोरख धंधे मे कतिपथ शासकीय उचित मूल्य की दुकानो के संचालक भी शामिल है । बाहरहाल इस तरह के कृतियो पर लगाम लगाने के लिए शासन प्रशासन को कड़ाई से पेश आने की जरूरत है।
शासकीय उचित मूल्य की
दुकान खोलने का कोई निश्चित दिन व समय निर्धारित नही है। जिसके कारण गरीबो को राशन लेने के लिए संबंधित राशन दुकान के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लोगो का कहना है कि राशन दुकान सही समय पर और निर्धारित दिन या समय पर नही खुलता और लोगों को राशन के लिए रोजी मजदूरी छोड़ना पड़ता है।
चावल की खरीदी करने वाले लोग शासन की आंखो मे धूल झोंक कर गरीबो के हिस्से के चावल को खरीद कर उन्हे जरूरतमंदो को फिर बेचकर बड़ा मुनाफा कमाने रहे है। नगर के कई अनाज दुकानो मे खरीदी बिक्री का केल चल रहा है। यह धंधा नगर के पोस्ट आफिस के सामने की अनाज दुकान, बाजार लाइन मे संचालित अनाज दुकानों, किराना दुकान और फैशन कपड़ा दुकान के सामने गौरव पथ रोड के अनाज दुकान के अलावा कई स्थान पर खुलेआम चल रहा है। यह गोरख धंधा शासन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबो को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण योजना व खाद्य सुरक्षा कानून की धज्जिया उड़ा रही है। बावजूद इसके मांमले की जांच नहीं हो रहा है।