मिली जानकारी अनुसार शिक्षा विभाग में पदस्थ 10 लिपिक आकस्मिक अवकाश का ऑनलाइन आवेदन देकर बगैर शासन से अनुमति लिए विदेश यात्रा पर चले गए। यह गंभीर प्रवृति का अपराध है, क्योंकि कोई भी शासकीय कर्मचारी लेकर बिना शासन से अनुमति लिए विदेश यात्रा नहीं कर सकता।
राजनांदगांव डीईओ प्रवास बघेल का कहना है कि लिपिकों ने सीएल लिया, छुट्टी लेने वाले कर्मचारियों से कारण नहीं पूछा गया। अब यदि वे नियम विपरीत विदेश यात्रा पर गए हैं, उन्हें नोटिस जारी कर पूछा जाएगा। मामले की जांच में जो भी तथ्य सामने आएगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
आकस्मिक अवकाश क्या है
अचानक कोई परिस्थिति उत्पन्न होने पर
शासकीय कर्मचारी आधे दिन या दो चार दिन के लिए आकस्मिक अवकाश ले सकता है, लेकिन इस दौरान उसे अपने मुख्यालय में ही रखना अनिवार्य है, यदि मुख्यालय छोड़ना पड़ रहा है तो इसकी लिखित अनुमति कार्यालय प्रमुख से लेना अनिवार्य है।
नियम में यह है
शासकीय कर्मचारी को विदेश यात्रा करने के लिए अपने विभाग प्रमुख यानि सचिव स्तर के अधिकारी से तीन माह पूर्व लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
एक ही समय में 10 कर्मचारियों को छुट्टी!
एक ही विभाग के 10 प्रमुख लिपिकों को एक ही समय में
छुट्टी कैसे मिल गई? यह भी बड़ा सवाल है। जबकि सभी ने कारण में आकस्मिक अवकाश बताया है। 10 प्रमुख लिपिकों के अवकाश में जाने से विभागीय कार्य प्रभावित रहा। क्याेंकि पूरा विभाग लगभग खाली हो चुका था। इन सभी कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग छग पैरेंटस एसोसिएशन ने की है।