प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिमा मंडन से नाराज चैंबर के कांग्रेस समर्थित सदस्य कुलबीर छाबड़ा और श्रीकिशन खंडेलवाल ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई बल्कि क्षमा मांगने पर भी अड़ गए। आखिर में संगठन के जिलाध्यक्ष ने खेद प्रकट कर मामला तो शांत करा दिया, लेकिन उसके बाद पूरी बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गई। बैठक में शामिल होने पहुंचे प्रदेश के लगभग 650 सदस्यों में से अधिकांश बिना भोजन किए ही लौट गए।
बताया गया कि इस बैठक में व्यापार एवं उद्योग की उन्नति पर सदस्यों के साथ भी कर निर्णय करना था। ताकि उससे प्रदेश सरकार को अवगत कराया जा सके लेकिन पूरी बैठक में केन्द्रीय पदाधिकारी ने भाजपा और मोदी सरकार की तारीफों के पुल बांधने में ही खपा दिया। विशेष बात यह है कि बैठक में कांग्रेस के ही कई पदाधिकारी ऐसे भी थे जो चुपचाप खामोश बैठकर मोदी सरकार की तारीफ सुनते रहे। केन्द्रीय पदाधिकारियों ने यहां तक कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद देश में शांति का माहौल है। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की बात भी कहा दी। लोकसभा चुनाव को लेकर समर्थन भी मांगा गया। इस तरह चेंबर की बैठक में राजनीतिकरण हो गया था। इसके चलते कई व्यापारी खासे नाराज होकर भूखे ही लौट गए।
यह बैठक व्यापारियों के हित और आगामी कार्ययोजना पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी पर केन्द्रीय पदाधिकारियों के भाषण के बाद बैठक बेनतीजा रही। चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिला अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय पदाधिकारियों के भाषण के बाद सदस्यों की नाराजगी सामने आई थी। बैठक में ही स्पष्ट किया गया कि चेंबर किसी पार्टी विशेष का नहीं है बल्कि यहां हर विचारधारा के सदस्य जुड़े हुए हैं। बैठक में लगभग 600 व्यापारी जुटे थे। कुछ सदस्य नाराज हो गए थे।