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संजीवनी नर्सिंग होम में उन्होंने अपने दादा खेमचंद वर्मा को आयुष्मान से उपचार के लिए भर्ती कराया था। प्रबंधन द्वारा पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से होने की बात कही गई, लेकिन बाद में अतिरिक्त राशि की मांग की, जिसे नकद और ऑनलाइन माध्यम से दिया गया है। शिकायत मिलने पर जांच की गई। जांच में जो तथ्य सामने आया, उसे उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। उस आधार संजीवनी नर्सिंग होम को इस योजना से तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया है।
संजीवनी नर्सिंग होम में उन्होंने अपने दादा खेमचंद वर्मा को आयुष्मान से उपचार के लिए भर्ती कराया था। प्रबंधन द्वारा पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड से होने की बात कही गई, लेकिन बाद में अतिरिक्त राशि की मांग की, जिसे नकद और ऑनलाइन माध्यम से दिया गया है। शिकायत मिलने पर जांच की गई। जांच में जो तथ्य सामने आया, उसे उच्चाधिकारियों को भेजा गया था। उस आधार संजीवनी नर्सिंग होम को इस योजना से तीन महीने के लिए सस्पेंड किया गया है।
– डॉ. बीएल तुलावी, नोडल अधिकारी