मुख्यमंत्री भी हुए शामिल
बता दें कि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल थे। प्रदेश साहू संघ अध्यक्ष सहित पदाधिकारी एवं जिला साहू संघ अध्यक्ष सहित प्रदेश व जिलेभर के सामाजिक बंधु सहित अन्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम को देखते हुए गांव के गौठान में भंडारे का आयोजन किया गया था, लेकिन आयोजन कर्ता यहां साफ-सफाई कराना भूल गए। इसके फलस्वरूप बचे हुए भोजन, जूठा पत्तल, डिस्पोजल गिलास, पानी व पाऊच प्लास्टिक बोतलों सहित अन्य गंदगी गौठान में ही फैली हुई है। ग्रामीणों की माने तो इसी जूठे भोजन और पत्तल आदि को खाने के बाद ही गायाें की तबीयत बिगड़ी है।
घटना के बाद से आक्रोश है
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा-गरवा, घुरवा-बारी है, लेकिन ऐसे बड़े आयोजनों में अवशेष भोजन को फेंकने और गंदगी फैलाने की वजह से ही गौधन का नुकसान हो रहा है। ऐसे में सीएम की महत्वाकांक्षी योजना पर उनके ही आयोजन और कार्यक्रम के बाद पानी फिर रहा है। आखिर इन गायों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार हैं, और पशुपालकों को इसका मुआवजा कौन देगा। पशुपालक और ग्रामीणों में इस घटना के बाद से आक्रोश व्याप्त है।