राजनंदगांव

12 साल की बच्ची ने कील से बने सिंहासन पर लेटकर सीने में जलाई ज्योत, देखने पहुंच रहे हैं श्रद्धालु

Navratri Special: उदयपुर गांव की 12 वर्षीय कन्या ने शक्ति के प्रति सच्ची आस्था का उदाहरण देते हुए कील के बिस्तर पर सोते हुए सीने पर मनोकामना ज्योत जलाई है।

राजनंदगांवApr 13, 2024 / 02:42 pm

Shrishti Singh

Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में आस्था के कई रूप देखने को मिल रहे हैं। देवी के दर्शन के लिए कोई पैदल सफर तय कर रहा है तो कोई जमीन में समाधि लेकर अपनी आस्था का लोहा मनवा रहे हैं। उदयपुर गांव की 12 वर्षीय कन्या ने शक्ति के प्रति सच्ची आस्था का उदाहरण देते हुए कील के बिस्तर पर सोते हुए सीने पर मनोकामना ज्योत जलाई है। साहू परिवार की दिलेश्वरी साहू ने सीने पर ज्योत जलवाने के साथ-साथ 1480 कील से बने सिंहासन पर लेटी हुई।
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पूरे नौ दिनों तक इसी अवस्था में रहकर देवी की आराधन करेंगी। उक्त कन्या के साथ ही पूरा परिवार माता की भक्ति में लीन हो गया है। बालिका की भक्ति देखने के लिए गांव सहित दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। सीने पर ज्योत जलाए दिलेश्वरी ने कहा कि उन्हे माता ने ज्योति कलश स्थापना के लिए सपना दिया था, जिसकी सूचना उन्होंने परिजनों को देते हुए इसकी तैयारी शुरू की। परिजनों ने भी कन्या की माता के प्रति भक्ति देख इसमें अपनी सहमति दी।
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दुबी के रस का सेवन

दिलेश्वरी ने बताया कि शाम को भोजन के रूप में केवल दो चम्मच दुबी का रस पीने से ही शक्ति मिल रही है। यही शक्ति की बदौलत नौ दिनों तक साधना से अपने सीने में ज्योति जला रखी है।

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