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बुरे हालात में गांव
जैसे तेसे ग्रामीण रूखा सूखा एक दूसरे को खिलाकर मदद कर रहे हैं। लेकिन, अब स्थितियां ये हैं कि, कई ग्रामीणो के पास खाने को दाना भी नहीं है। जलभराव ज्यादा होने के कारण अधिकारी भी गांव से संपर्क बनाने में खुद को असफल महसूस कर रहे हैं। पत्रिका की टीम ने जाना की गांव में लगभग दर्जनों लोग बीमार भी है, जिन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिला तो इनकी जान को भी खतरा हो सकता है। गांव में कई घरों में पानी भरा है और कई कच्चे घर जलभराव के कारण टूट भी चुके हैं। चारों और पानी ही पानी दिखाई दे रहा है, कहीं भी रास्ते का अनुमान लगा पाना संभव ही नहीं है। ग्रामीणों का कहना था कि, अगर सिर्फ 10 मिनट और डेम का पानी रुक जाता तो, पूरा गांव ही डूब जाता।
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अभी पूरा जलभराव नहीं फिर भी ये हालात
यह स्थिति उस समय बनी है जब मोहनपुरा डैम में करीब 393.94 एनसीएम पानी का जलभराव है, जबकि डैम की कुल भराव क्षमता 398 मीटर है। अगर अगले साल पूरी तरह से डैम भरा जाएगा तो निश्चित ही पूरा गांव पूरी तरह डूब जाएगा। ग्रामीणों ने लगातार जलभराव की सूचना प्रशासन को पहुंचाई जिसके बाद एसडीएम समेत अन्य अधिकारी गांव के पास तक पहुंचे लेकिन डैम में पानी अधिक होने के कारण वे पानी के दूसरी तरफ ही खड़े रहे जबकि होमगार्ड की टीम नाव से पहुंची और गांव के एक व्यक्ति को अपने साथ बैठाकर अधिकारियों के सामने ले गई जहां उसने गांव के अदुरूनी हालात एसडीएम को दिये। इसके बाद कश्ती से ही डॉक्टरों की टीम गांव में पहुंचाई गई।
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पहले भी मिला आश्वासन
कुछ इसी तरह का हालात रक्षाबंधन के दिन भी बने थे जब तेजी से गांव में पानी भर रहा था ऐसे में पूरा मामला जब कलेक्टर के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने बहुत जल्द इसका निराकरण करने का आश्वासन दिया था, लेकिन वो सिर्फ आश्वासन मात्र ही था। अब एक बार फिर गांव पूरी तरह से पानी से घिर चुका है। ग्रामीण परेशान हैं ना तो उपचार के लिए वे शहर आ पा रहे हैं और ना ही खाने पीने का सामान उनकी पहुंच में है।
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पुल निर्माण या विस्थापन की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि, जब डैम को पूरा भरा जाएगा, तो निश्चित रूप से हमारा गांव पूरी तरह से डूब में आ जाएगा। जो गांव के लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। क्योंकि, इस साल रेलवे का काम भी पूरा हो जाएगा निश्चित रूप से अगले साल डैम को पूरा भरा जा सकता है। ग्रामीणों की मांग है कि, या तो समय रहते गांव को अन्य इलाकों से जोड़ने के लिए बड़े पुल का निर्माण कराया जाए, या फिर पूरे गांव को किसी अन्य स्थान पर विस्थापित किया जाए।