वहीं, मैंटेनेंस की एक अन्य टीम ने सिंदूरिया से ब्यावरा के बीच का ब्लॉक गुरुवार को भी लिया, जिसके माध्यम से तीन घंटे में काम निपटाया गया। हालांकि यह काम पटरियों के मैंटेनेंस को लेकर था।
चालू ट्रेक पर थी स्पीड की दिक्कत, दूर की
विजयपुर से ब्यावरा तक ट्रेक फाइनल हो जाने के बाद भी कुछ कमियां रह गई थी। रेल्वे के इलेक्ट्रिक विंग को यहां स्पीड को लेकर कुछ दिक्कत मिली थी, जिसे टीम ने प्राथमिकता से दूर कर लिया है। यहां ट्रेन की स्पीड इलेक्ट्रिक इंजीन में डीजल इंजीन से कम सामने आई थी। इसके बाद कुछ तकनीकि दिक्कत को दूर करने के बाद यह स्पीड यथावत की गई। बता दें कि सीआरएस की टीम इन्हीं तमाम बिंदुओं पर टेस्टिंग करते हुए रिव्यू करती है। यदि कहीं भी उन्हें थोड़ी सी भी दिक्कत समझ आती है तो वे ट्रेक को फाइनल नहीं करते।
टीम के आने की संभावना है
ब्यावरा से मक्सी तक का काम लगभग पूरा होने की स्थिति में है। अभी फाइनल मैसेज तो नहीं कह सकते लेकिन 23-24 मार्च को सीआरएस टीम के आने के आसार बताए जा रहे हैं।
-पी. एस. मीना, स्टेशन मास्टर, ब्यावरा
०००
चालू ट्रेक पर थी स्पीड की दिक्कत, दूर की
विजयपुर से ब्यावरा तक ट्रेक फाइनल हो जाने के बाद भी कुछ कमियां रह गई थी। रेल्वे के इलेक्ट्रिक विंग को यहां स्पीड को लेकर कुछ दिक्कत मिली थी, जिसे टीम ने प्राथमिकता से दूर कर लिया है। यहां ट्रेन की स्पीड इलेक्ट्रिक इंजीन में डीजल इंजीन से कम सामने आई थी। इसके बाद कुछ तकनीकि दिक्कत को दूर करने के बाद यह स्पीड यथावत की गई। बता दें कि सीआरएस की टीम इन्हीं तमाम बिंदुओं पर टेस्टिंग करते हुए रिव्यू करती है। यदि कहीं भी उन्हें थोड़ी सी भी दिक्कत समझ आती है तो वे ट्रेक को फाइनल नहीं करते।
टीम के आने की संभावना है
ब्यावरा से मक्सी तक का काम लगभग पूरा होने की स्थिति में है। अभी फाइनल मैसेज तो नहीं कह सकते लेकिन 23-24 मार्च को सीआरएस टीम के आने के आसार बताए जा रहे हैं।
-पी. एस. मीना, स्टेशन मास्टर, ब्यावरा
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