ब्यावरा.जिले के बचे हुए किसानों के लिए आई 33 करोड़ रुपए की राहत राशि सर्वर ठप हो जाने से लैप्स हो गई। जिस दिन राशि जिला प्रशासन के खाते में डाली गई उसी दिन उक्त राशि लैप्स हो गई। दरअसल, सर्वर में आई तकनीकी खराबी के कारण 31 मार्च को डाली गई राशि उसी दिन चार घंटे बाद लैप्स हो गई। मार्च क्लोजिंग के लोड के कारण प्रदेशस्तर पर अचानक आई तकनीकी खराबी के कारण पूरा बजट ठप हो गया। इसी में जिले के लिए आई राहत राशि भी अटक गई।180 करोड़ बांटे, 67 और बांटनाजिले में सूखे और फसलों के नुकसान के लिए शासन की ओर से 180 करोड़ रुपए बांटे जा चुके हैं, लेकिन अभी भी जिले के कई किसान इससे वंचित रह गए हैं। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से 67 करोड़ रुपए की डिमांड और की गई थी, लेकिन शासन द्वारा 31 मार्च को 33 करोड़ रुपए जिले की विभिन्न तहसीलों के लिए जारी किए गए। 180 करोड़ रुपए बांटे जाने के बावजूद जिले के कई किसान इससे वंचित हैं और राहत राशि के लिए भटक रहे हैं। दफ्तर-दफ्तर भटक रहे किसानजिले के अधिकतर गांवों में बांट दी गई राहत राशि के बाद बचे हुए किसान अब दफ्तर-दफ्तर भटकने को मजबूर है। खास बात यह है कि जो किसान बच गए हैं उनका यह कहना है कि हमारे गांव में सभी का मुआवजा आ गया, लेकिन हम ही कुछ बच गए। ऐसे में बचे हुए चुनिंदा किसान काफी परेशान हैं। उक्त तकनीकी समस्या का दफ्तरों में भी बेहतर जवाब नहीं दिया जाता। ऐसे में बचे हुए किसान खासे परेशान हो रहे हैं। 31 मार्च के दिन डली उसी दिन लैप्सराज्य शासन की ओर से 31 मार्च को 33 करोड़ रुपए जिले के किसानों को बतौर राहत राशि देने के लिए आए थे, लेकिन चार घंटे बाद ही सर्वर डाउन होने और अन्य तकनीकी समस्या आने से पूरी राशि लैप्स हो गई। हालांकि बताया जा रहा है कि यह तकनीकी खामी ट्रेजरी से संबंधी थी। इससे जिला प्रशासन द्वारा बिल ही नहीं लगाए गए। हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि मार्च क्लोजिंग होने के कारण सभी दफ्तरों में सर्वर पर लोड हो गया और उक्त राशि लैप्स हो गई।