अवैधानिक बताया था
दरअसल, केंद्रीय भू-तल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने न सिर्फ 60 किमी के दायरे से टोल हटाने को कहा था बल्कि इन्हें अवैधानिक भी बताया था। मंत्री के दिशा-निर्देश को मानते हुए मासिक पास की व्यवस्था जरूर आधार कार्ड के आधार पर एनएचएआई ने करवाई है लेकिन 60 किमी के दायरे वाला नियम लागू नहीं कर पाए।
ऐसे समझिये टोल की दूरी का गणित…
भोपाल-ब्यावरा फोरलेन
सोनकच्छ-कचनारिया-हिरणखेड़ी
टोल संख्या -तीन, दूरी : 90 किमी लगभग भोपाल से राजगढ़ के बीच में तीन टोल बनाए गए हैं। पहला टोल भोपाल की और से सोनकच्छ में है, इससे ५६ किमी की दूरी पर दूसरा टोल बना दिया वह कचनारिया (ब्यावरा) में है। इसके 20 किमी दूर ही राजगढ़ के पास हिरणखेड़ी में एक और टोल एमपीआरडीसी वाला बना दिया है। ये तीनों टोल एनएच- 52 पर हैं, सभी में वसूली जारी है। गुना-ब्यावरा-देवास फोरलेन
जोगीपुरा-उदनखेड़ी ब्यावरा से गुना की और 12 किमी दूर जोगीपुरा में एक टोल है, इसके बाद करीब ४0 किमी दूर देवास रोड पर उदनखेड़ी के पास एक और टोली इसी नेशनल हाइवे पर बना दिया। यानी महज 52 किमी की दूरी पर ये दो टोल हैं। ऐसे में यहां किसी तरह के नियम का पालन नहीं है। गुना जाने में एक और टोल है और देवास की और उनदखेड़ी के आगे एक और है।
यह था केंद्रीय मंत्री का वायरल वीडियो
करीब दो माह से केंद्रीय मंत्री गडकरी के वायरल वीडियो में वे कह रहे हैं कि जिसके पास आधार कार्ड के आधार पर तुरंत पास दिया जाए यह मैं स्वीकृति करता हूं। 60 किमी के बीच में टोल नहीं आएगा, यदि कुछ जगह चालू है, मैं सदन को विश्वास दिलाता हूं कि यह गलत है, अवैधानिक है। तीन माह के अंदर 60 किमी के अंदर एक ही टोल होगा। अगर दूसरा होगा तो उसे तत्काल बंद कर दिया जाएगा।
एक प्रोजेक्ट का दूसरा टोल 60 किमी से पहले नहीं
नेशनल हाइवे अथोरिटी के रीजनल ऑफिसर श्रवण कुमार ङ्क्षसह बताते हैं कि 60 किमी के दायरे में दो टोल के मामले का नोटिफिकेशन आ चुका है लेकिन उसमें शर्त यह है कि वह 60 किमी का दायरा सेम प्रोजेक्ट के लिए है। यानी यदि भोपाल-ब्यावरा के बीच में 60 किमी के पहले टोल है तो वह बंद होगा। यही चीज गुना- ब्यावरा और देवास-ब्यावरा के बीच लागू होगी। लेकिन यदि इन तीनों प्रोजेक्ट के हिसाब से 60 किमी जोड़े जाएंगे तो वे मान्य नहीं होंगे। यानी अलग प्रोजेक्ट का टोल 60 किमी में होगा तो वह मान्य नहीं होगा।
पूरी तरह से मुफ्त नहीं होगा
अफसरों ने स्पष्ट किया है कि टोल पूरी तरह से मुफ्त नहीं होगा। मासिक शुल्क 350 रुपए में पास बनेगा। साथ ही यह सिर्फ घरेलू वाहनों में लागू होगा। व्यवसायिक वाहनों में पूरा ही नियमानुसार टोल चुकाना होगा। साथ ही पास दिखाने के बाद ही वाहन निकाला जा सकेगा। सिर्फ आधार कार्ड बता देने से वाहन नहीं निकलेगा।