14 के बदले अभी सिर्फ चार स्कूल ही नए शुरू किए गए है। ऐसे में बीच सत्र में इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे कहा जाएंगे। यह बड़ा सवाल है। वहीं यदि ग्रामीणों की बात करें तो अभी भी कई गांव ऐसे है। जिन्हें मुआवजा नहीं मिला है। जिसके कारण वे गांव भी छोडऩे को तैयार नहीं है। निर्धारित समय से पहले बनाई गई मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना का पिछले माह 23 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पण करके गए है।
बारिश का मौसम होने के कारण अगले दो माह में यह भर जाएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। यहीं कारण है कि गांव खाली करने को लेकर सभी आबादी वाले गांवों को चेतावनी भी दे दी गई है, लेकिन सभी गांवों का विस्थापन फिलहाल नहीं हुआ है। कई जगह जमीनें भी आवंटित नहीं हुई है। जिनको अभी मुआवजा मिलना बाकी है। ऐसे में अभी जो स्कूल डूबे नहीं है।
उन स्कूलों में ही बच्चे पढ़ रहे है, लेकिन जब यह स्कूल डूब जाएंगे तो इन बच्चों को परिवार के साथ कहां विस्थापित किया जाएगा और वहां आसपास कितनी दूरी पर स्कूल है। यह भी ध्यान देने की जरूरत है। डूब क्षेत्र में 14 स्कूल है। इनमें में से अभी चार स्कूल शुरू कर दिए है। कराडिय़ा गांव के अन्तर्गत आने वाले बंजाराकापुरा में लगभग 50 बच्चे अभी भी रह रहे है। इनके आसपास कोई स्कूल नहीं होने से कई बच्चे पढ़ाई छोडऩे पर आ गए है। हालांकि अभी यहां स्कूल शुरू नहीं हुआ है। जबकि ग्रामीण लंबे समय से इसकी मांग कर रहे है।
ऐसा कोई सा भी बच्चा नहीं होगा। जो स्कूल जाने से वंचित रहेगा। हमने अभी तक 14 में से चार जगह स्कूल शुरू कर दिए है। जबकि अन्य जगह जहां-जहां बसावट होगी। वहां पर स्कूल शुरू किए जाएंगे।
– केके नागर, डीपीसी राजगढ़
– केके नागर, डीपीसी राजगढ़