रायसेन

सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने उठाई ऐसी मांग मच सकता है बवाल, जानिए पूरा मामला

पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंच से कहा शिव ‘राज’ में तालों में कैद हैं शिव…मुक्त कराने की अठाई मांग…

रायसेनApr 06, 2022 / 07:28 pm

Shailendra Sharma

रायसेन. सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बर उनके चर्चाओं में होने कारण उनके द्वारा कथा मंच से उठाई गई वो मांग है जिसे लेकर बवाल मच सकता है। दरअसल उन्होंने रायसेन किले के शिव मंदिर में लगे ताले का जिक्र करते हुए शासन, प्रशासन व जनता से भगवान शिव को ताले से आजाद कराने की बात कही है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि शिव ‘राज’ में शिव तालों में कैद हैं जिन्हें आजाद कराया जाना चाहिए।

 

पंडित प्रदीप मिश्रा मचाएंगे बवाल !
पंडित प्रदीप मिश्रा इन दिनों रायसेन में प्रवचन कर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने रायसेन किले में बने शिवमंदिर में ताला लगे होने का जिक्र करते हुए कहा कि रायसेन किले के शिवमंदिर में आजादी के बाद से ताला लगा हुआ है और आप लोग कैसे दीपावली मना लेते हो..कैसे गुजिया और पपड़ी खा लेते हो..जबकि तुम्हारे पिता, बुजुर्ग ताले में कैद हैं, शिवशंकर मंदिर में ताले में बंद हैं और तुम लड्डू खा रहे हो। तुम लोगों को आसपास के तालाब से चुल्लूभर पानी को लाकर उसमें डूब जाना चाहिए।

 

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सीएम शिवराज से की अपील
पंडित प्रदीप मिश्रा ने मंच से आगे कहा कि आजादी के बाद से शिवशंकर ताले में कैद हैं और साल में सिर्फ 12 घंटे के लिए मंदिर का ताला खोला जाता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केवल 1974 में एक बार एक मुख्यमंत्री आए थे जिन्होंने शिवजी के मंदिर का ताला खुलवाया था। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपील करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सभी सनातनी हैं इसके बाद भी शिवशंकर ताले में हैं मेरी सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग है कि वो अपने नाम को सिद्ध करते हुए तालों में कैद शिव शंकर को मुक्त कराएं।
देखें वीडियो-

जानिए मंदिर का इतिहास
– 1540 ई. में राजा पूरणमल ने इस मंदिर का निर्माण कराया था।
– कालांतर में आए मुस्लिम आक्रांताओं ने इसे खंडित कर यहां मजार बना दी।
– बाद में अंग्रेजों के समय फिर से मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की गई।
– विवाद बढ़ने के बाद मंदिर को बंद कर दिया गया।
– 1974 में बड़ा आंदोलन हुआ मंदिर खुलवाने के लिए।
– तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी महाशिवरात्रि के दिन हेलीकॉप्टर से किले पर पहुंचे और मंदिर का ताला खुलवाया।
– तभी घोषणा हुई कि शिवरात्रि पर मंदिर खुलेगा और हर साल मेला भी लगेगा।


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