रायसेन

श्रीराम-लक्ष्मण को अहिरावण ले गया पाताल पुरी

पाताल पुरी में अहिरावण को ज्ञात हो जाता है कि लंका में राजा रावण उसे याद कर रहे हैं

रायसेनJan 06, 2020 / 11:37 pm

chandan singh rajput

Raisen. The Leela of King Ahiravan slaughter of Hades was staged on Monday at the ongoing Sriramalila festival in the city. A large crowd of devotees gathered in the evening to witness this incident. Pandit Rajendra Prasad Shukla, Munna Lal Sharma, Jagat Prakas Shukla of Sri Ram Leela Steering Committee said that Lankapati Ravana gets worried about the killing of many warriors of Sri Lanka, Maharathi.

रायसेन. शहर में चल रही श्रीरामलीला महोत्सव में सोमवार को पाताल लोक के राजा अहिरावण वध की लीला का मंचन किया गया। इस प्रसंग को देखने के लिए भारी तादात में श्रद्धालओं की भीड़ शाम तक जमा रही। श्रीराम लीला संचालन समिति के पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ला, मुन्ना लाल शर्मा, जगत प्रकाशस शुक्ला ने बताया कि लंकापति रावण लंका के कई वीरयोद्धा, महारथियों के मारे जाने से चिंतित हो जाता है। इसके बाद वह जाप करता है पाताल पुरी में अहिरावण को ज्ञात हो जाता है कि लंका में राजा रावण उसे याद कर रहे हैं, क्योंकि वह पाताल लोक का राजा था। तब रात में ही वह सोते समय भगवान श्रीरामचंद्र लक्ष्मण का अपहरण कर पाताल लोक ले जाता है। तब पवन पुत्र हनुमान वेग गति से पाताल लोक पहुंचे।
मकरध्वज और हनुमान के बीच युद्ध होता है मकरध्वज युद्ध में हार गया। श्रीराम लक्ष्मण का बजरंग वली मुक्त करावकर पाताल लोक का राज मकरध्वज को देकर कंधे पर बिठाकर हनुमान भगवान श्रीराम लक्ष्मण को रामादल ले आते हैं। इस दौरान जय जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठते हैं। वहीं मेला ग्राउंड में खेल तमाशे सहित बंगाल का काला जादू शो, मौत का कुआं, आकर्षक झूले लोगों के मनोरंजन के केंद्र बने हुए हैं।
रामलीला मेला समिति के प्रवक्ता सीएल गौर, आदित्य शुक्ला, ब्रज बिहारी मिश्रा हल्ले महाराज ने बताया कि मंगलवार को नारान्तक वध की लीला का मंचन रोचक ढंंग से प्रस्तुत की जाएगी। अहिरावण का रोल गुरदयाल ने निभाया। वहीं माता काली का रोल मंगल सिंह ठाकुर निवासी धनियाखेड़ी ने किया। वह रामलीला मेला में सोलह बरसों से भूमिका निभाते आ रहे हैं।
संकट में हनुमान ने राम लक्ष्मण को छुटकारा दिलाया
माता चंडी मंदिर में हनुमानजी छोटा से वेश कर प्रवेश कर जाते हैं। अहिरावण राम लक्ष्मण की आखिरी इच्छा पूछकर बलि तलवार अड़ाकर जैसे ही चढ़ाने लगता है। हनुमान जी प्रकट होकर अहिरावण से महासंग्राम कर उसका वध कर देते हैं।
कुंभकरण ने मचाया हाहाकार
सांची. मेघनाथ का वध होने के बाद अहंकारी रावण ने अपवने भाई कुंभकरण को गहरी नींद से जगाने का आदेश सैनिकों को दिया। कुंभकरण रावण के दरबार में पहुंचा और रावण से उसे जगाने का कारण पूछा। रावण ने उसे लंका पर आए संकट की पूरी कहानी बताते हुए राम की सेना से युद्ध करने का आदेश दिया। बड़े भाई के आदेश का पालन करते हुए कुंभकरण युद्ध भूमि में पहुंचता है ,तो वानर सेना में हाहाकार मच जाता है। अंतत: भगवान राम युद्ध करने पहुंचते हैं और उनके तीर से कुंभकरण धराशायी हो जाता है।

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