मकरध्वज और हनुमान के बीच युद्ध होता है मकरध्वज युद्ध में हार गया। श्रीराम लक्ष्मण का बजरंग वली मुक्त करावकर पाताल लोक का राज मकरध्वज को देकर कंधे पर बिठाकर हनुमान भगवान श्रीराम लक्ष्मण को रामादल ले आते हैं। इस दौरान जय जय श्रीराम के जयकारे गूंज उठते हैं। वहीं मेला ग्राउंड में खेल तमाशे सहित बंगाल का काला जादू शो, मौत का कुआं, आकर्षक झूले लोगों के मनोरंजन के केंद्र बने हुए हैं।
रामलीला मेला समिति के प्रवक्ता सीएल गौर, आदित्य शुक्ला, ब्रज बिहारी मिश्रा हल्ले महाराज ने बताया कि मंगलवार को नारान्तक वध की लीला का मंचन रोचक ढंंग से प्रस्तुत की जाएगी। अहिरावण का रोल गुरदयाल ने निभाया। वहीं माता काली का रोल मंगल सिंह ठाकुर निवासी धनियाखेड़ी ने किया। वह रामलीला मेला में सोलह बरसों से भूमिका निभाते आ रहे हैं।
रामलीला मेला समिति के प्रवक्ता सीएल गौर, आदित्य शुक्ला, ब्रज बिहारी मिश्रा हल्ले महाराज ने बताया कि मंगलवार को नारान्तक वध की लीला का मंचन रोचक ढंंग से प्रस्तुत की जाएगी। अहिरावण का रोल गुरदयाल ने निभाया। वहीं माता काली का रोल मंगल सिंह ठाकुर निवासी धनियाखेड़ी ने किया। वह रामलीला मेला में सोलह बरसों से भूमिका निभाते आ रहे हैं।
संकट में हनुमान ने राम लक्ष्मण को छुटकारा दिलाया
माता चंडी मंदिर में हनुमानजी छोटा से वेश कर प्रवेश कर जाते हैं। अहिरावण राम लक्ष्मण की आखिरी इच्छा पूछकर बलि तलवार अड़ाकर जैसे ही चढ़ाने लगता है। हनुमान जी प्रकट होकर अहिरावण से महासंग्राम कर उसका वध कर देते हैं।
माता चंडी मंदिर में हनुमानजी छोटा से वेश कर प्रवेश कर जाते हैं। अहिरावण राम लक्ष्मण की आखिरी इच्छा पूछकर बलि तलवार अड़ाकर जैसे ही चढ़ाने लगता है। हनुमान जी प्रकट होकर अहिरावण से महासंग्राम कर उसका वध कर देते हैं।
कुंभकरण ने मचाया हाहाकार
सांची. मेघनाथ का वध होने के बाद अहंकारी रावण ने अपवने भाई कुंभकरण को गहरी नींद से जगाने का आदेश सैनिकों को दिया। कुंभकरण रावण के दरबार में पहुंचा और रावण से उसे जगाने का कारण पूछा। रावण ने उसे लंका पर आए संकट की पूरी कहानी बताते हुए राम की सेना से युद्ध करने का आदेश दिया। बड़े भाई के आदेश का पालन करते हुए कुंभकरण युद्ध भूमि में पहुंचता है ,तो वानर सेना में हाहाकार मच जाता है। अंतत: भगवान राम युद्ध करने पहुंचते हैं और उनके तीर से कुंभकरण धराशायी हो जाता है।
सांची. मेघनाथ का वध होने के बाद अहंकारी रावण ने अपवने भाई कुंभकरण को गहरी नींद से जगाने का आदेश सैनिकों को दिया। कुंभकरण रावण के दरबार में पहुंचा और रावण से उसे जगाने का कारण पूछा। रावण ने उसे लंका पर आए संकट की पूरी कहानी बताते हुए राम की सेना से युद्ध करने का आदेश दिया। बड़े भाई के आदेश का पालन करते हुए कुंभकरण युद्ध भूमि में पहुंचता है ,तो वानर सेना में हाहाकार मच जाता है। अंतत: भगवान राम युद्ध करने पहुंचते हैं और उनके तीर से कुंभकरण धराशायी हो जाता है।