21 सितंबर 2012 को श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने सांची के बौद्ध विश्वविद्यालय परिसर में एक पौधा लगाया था। अब ये पौधा 10 साल का पेड़ बन चुका है। इसे मध्य प्रदेश का वीवीआईपी पेड़ भी कहा जाता है। खास बात ये है कि, इस पेड़ की सुरक्षा में 24 घंटे पुलिस की एक-चार की गार्ड तैनात रहते हैं।
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पेड़ के रखरखाव में हर साल खर्च होते हैं 15 लाख!
आपको जानकर हैरानी होगी कि, इस पेड़ की देखरेख पर सालाना 12 से 15 लाख रुपए खर्च होते हैं। पिछले 10 साल के दौरान इसके रखरखाव पर सरकार की ओर से करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। पेड़ से गिरने वाले हर एक पत्ते को इकट्ठा करके सुरक्षित रखा जाता है। यहां तक कि, पेड़ से पत्ता तोड़ने पर केस भी दर्ज हो सकता है।
क्यों खास है ये पेड़ ?
राजपक्षे बोधगया के बोधि वृक्ष की शाखा अपने साथ लेकर आए थे। उन्होंने इस शाख को सांची के स्तूप के पास स्थित पहाड़ी पर रोपा था। ये उसी पेड़ की शाखा है, जिसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
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