Read this also: उच्च शिक्षा हासिल कर नौकरी की बजाय अपनाई किसानी, खेती को फायदे का सौदा बना दिया ग्राम बरखुआ के किसान शंकर लाल का कहना था कि तीन दिन से भूखे-प्यासे केन्द्र पर डेरा डाले बैठा है। लेकिन तुलाई नहीं हो रही है। रविवार को जैसे ही तुलाई का नम्बर आया तो केन्द्र प्रभारियों ने गेहूं में मिट्टी का बोलकर छानने का बोलकर दूसरे किसान की तुलाई शुरू कर दी। उसने कहा कि किसानी करना जैसे अपराध हो गया है। अपनी फसल बेचने के लिये लाइन लगानी पड़ रही, भूखे प्यासे खड़े रहना पड़ रहा।
पीड़ित किसान ने बताया कि उसका लगभग सौ क्विंटल गेहूं है। तीन दिन से अकेला उपज को तुलवाने केंद्र पर बैठे हैं। घर से साफ करके लाया हूं। बाकी थोड़ा बहुत मिट्टी है तो उसका केंद्र पर तौल में कटौती किया ही जाता है।
किसान द्वारा फांसी लगाते देख आसपास के किसानों द्वारा उसे पकड़ा और समझाया। किसान का कहना था कि गेहूं कटाई के समय थोड़ी बहुत मिट्टी आ ही जाती है। अब ऐसी स्थिति में हम कब तक गेहूं को साफ करेंगे। केन्द्र प्रभारी अगर तीन दिन पहले ही बोल देते तो अब तक हमारा गेहूं छनकर तैयार हो जाता। अब आसमान पर बादल छा रहे हैं और हम अपना गेहूं खुले में कैसे डाल दें। अगर बारिश हो गई तो पूरा गेहूं खराब हो जाएगा।
Read this also: Big News सेनिटाइजर से बना रहे शराब, नशे की गोलियों की भी मांग बढ़ी जबकि इस प्रकरण पर तहसीलदार निकिता तिवारी का कहना है कि मेरी जानकारी में आया है। केन्द्र पर किसी अधिकारी को भिजवाकर दिखवाती हूं क्या मामला है।
उधर, खरीदी केंद्र ध्वाज के प्रबंधक विनोद सक्सेना का कहना है कि इस वर्ष शासन के स्पष्ट निर्देश है कि बिना छना एवं मिट्टी वाला गेहूं बिल्कुल नहीं खरीदना है। अगर किसी भी किसान के गेहूं में एक भी मिट्टी दिखती है तो तुरंत छनवाकर खरीदी जाए।