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दावा है कि उन्हीं की कोशिशों से बेबसाइट पर हिन्दी का विकल्प जोड़ा गया है। जैन वर्तमान में मुंबई में निवासरत हैं। भारत सरकार की ओर से भाषाई आधार पर भेदभाव के खिलाफ प्रवीण ने झंडा बुलंद किया। इसके लिए उन्होंने चार महीने में लोक शिकायत पोर्टल पर 800 से अधिक शिकायत और 300 आरटीआइ आवेदन लगाए थे।
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शिकायतो की होती रही अनदेखी
जैन का दावा है कि वेबसाइट पर हिन्दी के विकल्प के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राजभाषा विभाग का दरवाजा खटखटाया। शिकायतों की अनदेखी होती रही, पर वे रुके नहीं। अंततः स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 21 मई को कोबिन वेबसाइट को हिंदी सहित 10-12 भारतीय भाषाओं में शुरू करने का ऐलान किया। 4 जून को कोविन वेबसाइट 11 भाषाओं में शुरु कर दी गई।
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आचार्यश्री से मिली प्रेरणा
प्रवीण ने बताया, वे 2010 से भारतीय भाषाओं के प्रसार में लगे हैं। प्रेरणा उन्हें आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से मिली।