आपको बता दें कि, रायसेन शहर के रामलीला मैदान के पास डॉ. राजेश लोधी का क्लिनिक है। यहीं उनका घर भी है। उनकी माताजी लीला बाई लोधी का कोविडकाल की दूसरी लहर में निधन हो गया था। उनके स्वर्गवास के बाद डॉ लोधी ने निर्णय लिया कि, वो अपनी मां का मृत्यु भोज नहीं करेंगे, बल्कि मृत्युभोज में खर्च होने वाली रकम को वो किसी अन्य सेवा कार्य में इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने तय किया था कि, उस राशि को वो किसी गरीब के इस्तेमाल में खर्च करेंगे। इसके बाद उन्होंने गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बिन बाप की बेटी की शादी कराने के साथ पिता के स्थान पर उसका कन्यादान कर अपना संकल्प पूरा कर लिया।
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पिता का साया पहले ही उठ चुका, फिर चोरी ने कमर तोड़ दी
श्रीजी कॉलोनी स्थित डॉ. राजेश लोधी के मकान में एक गरीब यादव परिवार किराए से रहता है। किरायेदार के परिवार में 5 बेटियां और 2 बेटे हैं। उनके पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। यानी 7 बच्चों के परिवार के सिर से पिता का साया नहीं था। दोनों बेटे मजदूरी करके अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं।7 भाई बहनों में से 5 वे नंबर की बेटी पूजा यादव की सगाई अक्टूबर में सांची के युवक से तय हुई थी। शादी तय होने के बाद दिसंबर महीने में उनके घर चोरी हो गई। चोर ज्वेलरी और नकदी मिलाकर करीब 4 लाख रुपए की जमा पूंजी भी चुरा ले गए। इससे गरीब परिवार खासा परेशान हो गया था। ये बात जब डॉ. लोधी लोधी को लगी तो उन्होंने बेटी का कन्यादान खुद करने का निर्णय लिया। डॉ. लोधी के इस कार्य की शहरभर में तारीफ की जा रही है।
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