रहस्यमयी सुंदरता से सजी छत्तीसगढ़ के शिमला की धरती, जानें मैनपाट की धरती के राज
रायपुर. लोग अक्सर घूमने फिरने के लिए एेसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं जहां पर प्राकृतिक सुंदरता हो, जहां हरियाली हो हल्की ठंड हो। जब भी हम एेसी जगहों के बारे में सोचते हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहला ख्याल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की आती हैं। पर साथ ही इसके खर्चों की भी।
आज विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर हम आपको छत्तीसगढ़ के एक एेसे टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताते हैं जिसे मिनी शिमला या छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है। मैनपाट को छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से भी जाना जाता है। मैनपाट के नजारें, इसका प्राकृतिक सौंदर्य और यहां का वातावरण देखकर लोगों को धरती पर स्वर्ग का अहसास होता है।
मैनपाट में शिमला जैसा मौसम, तिब्बतों का बसेरा, हिलती हुई धरती यहां के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र हैं। यहां एक खुबसूरत झरना है जिसे टाइगर प्वाइंट कहा जाता है। इस झरने से पानी गिरते वक्त शेर के दहाडऩे जैसी आवाज आती है जिसके कारण इस झरने का नाम टाइगर प्वाइंट रखा गया है। इसके अलावा इस झरने की मछलियां भी यहां का प्रमुख आकर्षण केन्द्र है।
एेसी जगह जहां हिलती है धरती अंबिकापुर जिले का मैनपाट कुदरत की बेशुमार खूबसूरती और भौगोलिक रहस्यों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। यहां के दलदली में एक एेसी जगह है जहां की स्पंजी जमीन में उछलने के साथ ही एक फूंक मारने पर निचे से आवाज आती है। जिसमें शंखनाद की ध्वनि सुनाई देती है। इस ध्वनि को वनदेवी का आर्शीवाद मानकर स्थानीय लोग इसकी पूजा करते हैं।
यहां जलजली नदी के किनारे 2.50 एकड़ में फैली यह धरती पूरी तरह से रहस्यों से भरी हुई हैं। जहां बिना भूकंप के ही जमीन हिलने लगती है। इस जमींन पर पैर रखते ही यह जमीन धसनें लगती है और कुछ ही देर में पैर गेंद की तरह उछलने लगता है।
कैसे पहुंचे राजधानी रायपुर से मैनपाट की दूरी करीब 390 किमी हैं। मैनपाट पहुंचने के लिए अंबिकापुर रायगढ़ राजमार्ग से होते हुए काराबेल राजमार्ग से होते हुए 85 किमी की दूरी पर स्थित है।
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