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रायपुर

विश्व गौरैया दिवस: सिर्फ दाना-पानी रख देने से नहीं होगा संरक्षण, सभी को मिलकर उठाना होगा कदम

World Sparrow Day 2023: आज विश्व गौरैया दिवस है। फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी की मेंबर मंजीत कौर बल का कहना है कि आज गौरेया की संख्या कम नहीं हुई बल्कि वे अपना स्थान बदल रहे हैं।

रायपुरMar 20, 2023 / 03:43 pm

चंदू निर्मलकर

विश्व गौरैया दिवस

World Sparrow Day 2023: मेरे घर आंगन में भैया, फुदक रही देखो गौरैया, चहचहाती, चूं चूं करती, नहीं किसी से डरती…। ये कविता गौरैया के आने की खुशी में अक्सर पढ़ी जाती है। लेकिन दौड़ती भागती जिंदगी में बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो दिनभर के कामों के अलावा अपना एक समय गौरैया के लिए समर्पित रहते हैं। आज विश्व गौरैया दिवस है। फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी की मेंबर मंजीत कौर बल का कहना है कि आज गौरेया की संख्या कम नहीं हुई बल्कि वे अपना स्थान बदल रहे हैं।

सभी को मिलकर उठाने होंगे कदम
पर्यावरण प्रेमी ज्ञानेंद्र पांडेय ने कहा, गौरैया को संरक्षित करने में हम सब कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाकर इनकी मदद कर सकते हैं। जैसे उनके लिए उपयुक्त आवास बनाना, देशी पेड़ और झाड़ियों का अधिकाधिक रोपण करना और कीटनाशकों के उपयोग बंद करना। लोगों को जागरूक करके हम यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं कि वे आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहें।

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सुराही वाले घोसले बांट रहे विजय
विजय मिश्रा सुराही में घोसला बना रहे हैं ताकि गौरैया वहां बैठे। उनका कहना है कि गौरैया को सुराही में घर बनाना सहज लगता है। इसलिए मैंने शुरुआत की है। मेरे घर में कई स्थानों पर इसका प्रयोग किया है। परिचितों के जन्मदिन पर मैं उपहार के तौर पर सुराही वाले घोसले देता हूं।

आज कोई नहीं बता पाएगा गौरैया के नाम
मंजीत ने कहा, पिछले 10 सालों से चिड़ियों को पहचानने और उनके जीवनकाल के बारे में लोगों को बता रही हूं। आज चाहे बच्चे हों या बड़े किसी से भी मोबाइल कंपनियों के नाम पूछेंगे तो ले झट से बता देंगे। लेकिन जब उन्हें गौरैया के नाम बताने को कहेंगे तो नहीं बता पाएंगे। मैं लोगों को ये बताती हूं कि सिर्फ दाना-पानी रख देने से हम गौरैया को नहीं बचा पाएंगे। बल्कि हमें ये जानना होगा कि वह क्या खाती है, दाने कैसे ला रही है, कैसे घोसला बना रही है। इसे बनाने का सीजन कौन सा है। चिड़िया एक माध्यम है पर्यावरण के प्रति लोगों को जोड़ना का। वहीं अब तक 2 हजार से ज्यादा लोगों तक अपना संदेश पहुंचा चुकी हूं।

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