World Snake Day 2024: जंगल सफारी में बनी रेस्क्यू टीम
जंगल सफारी में भी सांपों के संरक्षण के लिए टीम गठित की गई है। डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने बताया, हमारी टीम रोजाना आसपास के गांव पहुंच जागरुकता फैलाती है। ( World Snake Day 2024 ) प्रतिदिन एक न एकक सांप का रेस्क्यू भी किया जाता है। यह भी पढ़ें
CG Snake Bite: करैत के डसने से 15 लोगों की मौत, यहां हर दिन पहुंच रहे स्कैन बाइट के मरीज
5 दिन हॉस्पिटल में था, परिजन बोले- अब बंद करो
बैरनबाजार निवासी मोहम्मद इरफान अशरफी ने बताया, मैंने एक एनजीओ के साथ मिलकर लंबे समय तक सांप पकड़ने का काम किया। अब मैं इंडिविजुअल काम करने लगा हूं। रेस्क्यू के दौरान एक कोबरा ने मुझे डस लिया था। मैं पांच दिन तक अंबेडकर हॉस्पिटल में रहा। घर वालों ने कहा कि अब तो बस करो। मैं शाम को हॉस्पिटल से घर पहुंचा दो घंटे बाद रेस्क्यू के लिए कॉल आ गया। मैं निकल गया। मैं रेस्क्यू का काम नहीं छोड़ सकता क्योंकि यह काम सांप और इंसान दोनों के लिए जरूरी है।CG Snake bike: इको सिस्टम के लिए जरूरी
नेचर लवर मंजीत कौर बल ने कहा कि अर्बन एरिया में सांप का होना इको सिस्टम के लिए जरूरी है। शहर में पाए जाने वाले सांप जहरीले नहीं होते, जैसे धामन। इसके रहने से चूहे नहीं रहेंगे। सिटी में स्नैक कैचर की मदद से सांपों को पकड़कर रहवासी क्षेत्रों से दूर छोड़ा जा रहा है।एनजीओ कर रहा स्नैक कन्जर्वेशन
बैरनबाजार के मोइज अहमद ने बताया, उदंती अभयारण्य में जंगली भैंस के कन्जर्वेशन के दौरान हमने सांप का रेस्क्यू करना सीखा। रायपुर में सांप निकलने की खबरें बहुत आया करती थी। एक अनुमान के मुताबिक हर साल लगभग 2 हजार सांप मार दिए जाते थे। इसलिए हमने उन्हें बचाने के लिए एनजीओ नोवा नेचर गठित किया और फोन कॉल पर रेस्क्यू का काम करने लगे। अब तक हमारे एनजीओ ने 25 हजार से ज्यादा सांप पकड़ा है।रायपुर में पाए जाने वाले जहरीले सांप
मोइज ने बताया कि रायपुर और आसपास तीन तरह के जहरीले सांप पाए जाते हैं। इसमें कोबरा, करैत और रसेल्स वाइपर है। बाकी 80 प्रतिशत सांप बिना जहर के होते हैं। सिटी में ऐसे सांप ही मिलते हैं जबकि आउटर में जहरीले सांप पाए जाते हैं।ऐसे बचें सांप से
घर के आसपास सफाई रखें। लकड़ी, ईंट और पत्थरों के ढेर न रखें। जमीन पर न सोएं। मच्छरदानी का उपयोग करें। अंधेरे में कहीं जाएं तो टॉर्च जरूर जलाएं। खेत या जंगली इलाकों में जाएं तो लॉन्ग बूट पहनें 5 दिन हॉस्पिटल में था, परिजन बोले- अब बंद करो