पुलिस के मुताबिक बिजली विभाग की डिप्टी जनरल मैनेजर जसिंता लकड़ा से वर्ष 2016 में राम किशन वर्मा और पुनीत जोशी मिले। दोनों ने खुद को रायगढ़ एसबीआई बैंक का बीमा कर्मचारी बताया। दोनों ने जसिंता को उनकी पुरानी बीमा पॉलिसी के स्थान पर अलग-अलग कंपनियों की नई बीमा पॉलिसी मिल जाएगी। इसमें पैसा जमा करने पर अच्छा रिटर्न मिलेगा। उन्होंने बताया कि रिटायरमेंट के समय उन्हें काफी फायदा मिलेगा। पूरी राशि एक साथ मिल जाएगी। जसिंता उनकी बातों में आ गई। इसके बाद 12 जनवरी 2017 में उनके बताए पॉलिसी पर 50 हजार रुपए जमा किया। इसके दोनों ने जसिंता के हस्ताक्षर किए बिना ही कई बीमा पॉलिसी बना लिए और उसमें अलग-अलग दिन पैसा जमा करवाने लगे। आरोपियों ने जीएसटी, रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग आदि के नाम पर जसिंता से कुल 70 लाख रुपए जमा करवा लिया। कुछ माह पहले महिला रिटायर हुईं, तो उन्होंने अपने बीमा की राशि की मांग की। इसके बाद किशन और पुनीत आनाकानी करने लगे।
मोबाइल किया बंद महिला अधिकारी ने जब बीमा पॉलिसी की रकम मांगनी शुरू की, तो दोनों ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया। इसके बाद फरार हो गए। इसकी शिकायत पर टिकरापारा पुलिस ने दोनों आरोपी के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराया है। पूरे फर्जीवाड़े में किशन और पुनीत के अलावा 9 अन्य लोग भी शामिल हैं, जो अलग-अलग समय में दस्तावेज बनाने बुजुर्ग महिला के पास आते थे। आरोपियों ने उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर करके दस्तावेज बनाए हैं। टिकरापारा पुलिस ने धोखाधड़ी के अलावा जालसाजी और कूटरचना का मामला भी दर्ज किया है।