World Tiger Day 2024: छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में वृद्धि
छत्तीसगढ़ राज्य में भी बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। ( World Tiger Day 2024) 2022 में जहां बाघों की संख्या 17 थी, अब यह बढ़कर लगभग 23 हो गई है। यह वृद्धि राज्य के विभिन्न टाइगर रिजर्व और अभ्यारणों में सफल संरक्षण प्रयासों का परिणाम है। यह भी पढ़ें
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बाघों की जनसंख्या: वैश्विक परिप्रेक्ष्य
भारत के अलावा, 12 अन्य देशों में भी बाघ पाए जाते हैं। इनमें रूस, बांग्लादेश, नेपाल, और इंडोनेशिया प्रमुख हैं। रूस में साइबेरियन टाइगर की संख्या 580 के करीब है, जबकि इंडोनेशिया में सुमात्रा टाइगर की संख्या लगभग 370 है। नेपाल में 355, मलेशिया में 120, बांग्लादेश में 106, और थाईलैंड में 148 बाघ हैं।भारत में बाघों की स्थिति
भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि के पीछे कई कारण हैं। यहां के जंगलों और टाइगर रिजर्व में बाघों के लिए अनुकूल वातावरण और संरक्षण प्रयास प्रमुख भूमिका निभाते हैं। भारत के विभिन्न टाइगर रिजर्वों में बाघों की तादाद बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों ने इनकी संख्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।मध्यप्रदेश में बाघों की तादाद सबसे ज्यादा है, जहां 785 बाघों का बसेरा है। यहां की सरकार और वन विभाग ने बाघ संरक्षण के लिए कड़ी मेहनत की है। मध्यप्रदेश के अलावा कर्नाटक, उत्तराखंड, और महाराष्ट्र में भी बाघों की अच्छी खासी संख्या है।गोमर्ड अभ्यारण्य में बाघ की मौत से एक संख्या घटी
जनवरी में सारंगढ़ परिक्षेत्र के अन्तर्गत कनकबीरा परिसर के कक्ष क्र 927 पी.एफ. में घोराघाटी जंगल मे कुछ शिकारियों द्वारा जंगली सुअर का शिकार करने के लिए करेंट का तार बिछाए थे। जिसके चपेट मे आकर एक नर बाघ आ गया। जिससे उसकी मौत मौके पर हो गई थी। प्रदेश में विगत 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ में बाघो की संख्या 2010 में 26 बाघ प्रदेश में थे, जो 2014 में बढ़कर 46 हो गई थी। 2018 में बाघों की संख्या एकाएक घटकर 19 हो गई। वर्तमान में 2022 की गणना में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 17 रह गई। छत्तीसगढ़ वन मंड़ल के अनुसार 2023-24 में 23 बाघ है। पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल ने पत्रिका को बताया कि प्रदेश में बाघों की जनसंख्या में हुई इस वृद्धि से हम अत्यंत हर्षित हैं। यह हमारे संरक्षण प्रयासों और सतत पर्यावरणीय योजनाओं का परिणाम है। वन्य जीवों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमने विभिन्न उपायों को अपनाया है, जिनमें वन्य जीव अभयारण्यों का विस्तार, अवैध शिकार पर सख्त निगरानी, और समुदायों को शामिल कर जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, हमने जैव विविधता को बनाए रखने के लिए सतत वैज्ञानिक अध्ययन और अनुसंधान को भी प्राथमिकता दी है। आगे भी, हम इन प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारे वन और वन्य जीव सुरक्षित और स्वस्थ बने रहें।
छत्तीसगढ़ टाइगर रिजर्व व अभ्यारण में बाघों की संख्या
अचानकमार टाइगर रिजर्व – 10 भोरदेव अभ्यारण -1 गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व -5 बारनवापारा – 1 बाघ इंद्रावती टाइगर रिजर्व – 6 उंदती सीतानदी टाइगर रिजर्व – 0