यह भी पढ़ें
छत्तीसगढ़ की रानी को भाजपा ने त्रिपुरा से दिया टिकट, शाही परिवार की शान चुनावी रण में ऐसे आजमा रहीं किस्मत
त्योहारी सीजन से रहती है उम्मीद पंजीयन विभाग को चैत्र नवरात्रि में जमीन और मकान की रजिस्ट्री ज्यादा होने की उम्मीद रहती है। हर बार कार्यालय का समय और एडवांस बुकिंग का स्लॉट भी बढ़ाया जाता है। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं देखा गया। कच्चे में होता है 90 फीसदी सौदा बता दें कि रेरा प्रोजेक्ट और शासकीय एजेंसियों के भवनों और प्लॉट की रजिस्ट्री को छोड़कर यहां होने वाले सौदे में गाइडलाइन में तय राशि का चेक से भुगतान होता है। स्टांप ड्युटी बचाने के लिए रजिस्ट्री में भी उसकी कीमत गाइडलाइन दर से दिखाई जाती है। जबकि असल में सौदा दोगुने में होता है। जिससे सरकार को अरबों रुपए राजस्व का नुकसान हो रहा है।