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कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में मंगलवार को पत्रकारवार्ता के दौरान वर्मा ने कहा, इस हत्याकांड की जांच एनआईए कर रही थी, लेकिन एजेंसी ने यह जांच नहीं की थी कि इस हत्याकांड का षड़यंत्र किसने रचा था। यह सिर्फ़ नक्सली हमला था या इसके पीछे राजनीतिक षड्यंत्र भी था? छत्तीसगढ़ की पुलिस ने आपराधिक षडयंत्र की जांच शुरू की तो एनआईए ने अदालती अडंगा अटका दिया था। उन्होंने बताया कि एनआईए ने चालान में गणपति और रमन्ना का नाम नहीं डाला था। वहीं केंद्र ने सीबीआई जांच का अनुरोध अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद भी रमन सिंह 2018 तक छत्तीसगढ़ की जनता से यह बात छिपाए रखी थी। अब होगी षड़यंत्र की जांच वर्मा ने कहा, इस फ़ैसले के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस 26 मई, 2020 को दर्ज दूसरे एफआईआर के आधार पर यह जांच कर पाएगी कि किसके कहने पर, किसे बचाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी एनआईए जांच का रास्ता रोक रही थी?