पहले और तीसरे ट्रिमिस्टर में दिखते हैं लक्षणऐसा माना जाता है कि कोवेड सिंड्रोम उन पुरुषों में दिखाई देता है जो अपनी पार्टनर और होने वाले बच्चे से काफी जुड़ाव रखते हैं। ज्यादातर पहले और तीसरे ट्रिमिस्टर के दौरान दिखते हैं। इन लक्षणों में जी मिचलाना, पेट में दर्द होना, भूख ना लगना, पैरों में दर्द होना, पीठ में दर्द होना या सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं शामिल हैं।हॉरमोन्स में बदलाव है मुख्य वजहवहीं साइकोलॉजिकल सिम्पटम्स की बात करें तो घबराहट, डिप्रेशन, नींद न आना, उलझन होना जैसी दिक्कतें भी दिखती हैं। कोवेड सिंड्रोम के केसेज भारत में बहुत कम सुनने को मिले हैं। इस बात पर भी अलग-अलग मत हैं कि यह सिंड्रोम है भी या नहीं लेकिन ये बात तो तय है कि पिता बनने की खबर से पुरुषों में कई तरह के इमोशंस आते हैं। उन्हें स्ट्रेस भी होता है, कई तरह की चिंताएं और एक्साइटमेंट भी। ऐसे में महिलाओं के साथ उनमें भी हॉरमोन्स का उतार-चढ़ाव होने लगता है। लिहाजा इन समस्याओं के पीछे मुख्य वजह हॉरमोन्स का बैलेंस बिगडऩा भी हो सकता है। [typography_font:18pt;” >आपको सुनकर हैरानी जरूर हो सकती है लेकिन सिम्पथैटिक प्रेग्नेंसी या कोवेड सिंड्रोम (couvade) एक ऐसी स्थिति है जब पुरुषों में गर्भावस्था जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ऐसा उन पुरुषों में होता है, जिनकी पार्टनर प्रेग्नेंट हो। कुछ शोधों में ये बात सामने आ चुकी है कि कोवेड सिंड्रोम कॉमन हो सकता है, इसे मानसिक समस्या या बीमारी समझना गलत है। हालांकि ये समस्या शरीर से जुड़ी है या इसकी साइकोलॉजिकल वजह है, इस पर और शोध होने की जरूरत है। एक्सपर्ट से ले सकते हैं सलाहस्ट्रेस का सीधा कनेक्शन डाइजेशन से होता है। ऐसे में एसिड या गैस बनना सामान्य है जिसकी वजह से जी मिचलाना या उल्टियां भी आ सकती हैं। अगर आपमें या आपके किसी करीबी को इस तरह की दिक्कत दिखे तो सबसे पहले स्ट्रेस को मैनेज करने की कोशिश करें। खुश रहें और पार्टनर को खुश रखें। मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग करें। पूरी नींद लें और ज्यादा दिक्कत लगे तो किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।