वासुदेव और माता देवकी की भूमिका निभाई गई, जिन्हें कंस द्वारा हथकड़ी में बांधकर कारागार में डाला गया। जैसे ही आधी रात हुई, भक्तों के बीच ‘नंद के घर आनंद भयो’ की गूंज सुनाई दी, और सभी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियां मनाईं।
इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख रूप से माधव लाल यादव, जोह्त राम सोनकर, सनत साहू, धन्नू लाल देवांगन, विजयपाल, गोवर्धन झवर, रतन बैद, बिहारी लाल शर्मा, राजू लाल यादव, लल्ला सिंह राजपूत, सतेन्द्र मिश्रा, ललित राही, और हेमलता यादव शामिल थे।