इस पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने छापा मारकर 26 लाख 24 हजार 160 रुपये के 11 हजार 928 वायल जब्त किए। इस इंजेक्शन की बिक्री पर केंद्र द्वारा 2015 में पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसके बावजूद ज्यादा लाभ कमाने के लिए राजस्थान की जीबीएल फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा निर्माण कर गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश की फर्म लाइफ वे फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और रायपुर की सनराइज फार्मा के जरिए खपाया जा रहा था।
यहां भी मिली दवा धमतरी के आरएस मेडिकल पर दबिश देकर प्रतिबंधित दवाई 27040 नग, राजनांदगांव के जैन फार्मा से 286 नग, रायगढ़ के खरसिया में मेसर्स श्री बालाजी से 312 नग प्रतिबंधित इंजेक्शन जब्त किया गया। पूरे प्रदेश में हुई छापेमारी के दौरान कुल 15 हजार 266 नग प्रतिबंधित इंजेक्शन डायक्लोफेनिक जब्त किये। इसकी कीमत 33 लाख 58 हजार 520 रुपए है। प्रतिबंधित इंजेक्शन को जीओआई ने 2015 के राजपत्र में प्रकाशित कर निर्माण और विक्रय को प्रतिबंधित किया गया था। यूपी के गाजियाबाद और राजस्थान से चोरी छिपे मंगाकर रायपुर के सनराइज फार्मा का संचालक अवैध सप्लाई कर रहा था।
यह इंजेक्शन डायक्लोफेनिक सोडियम इंजेक्शन दर्द निवारक दवा है। इसका इस्तेमाल आर्थराइटिस, आस्टियो आर्थराइटिस और अधिक मस्कुलोस्केलेटल चोटों जैसी स्थितियों में दर्द, सूजन, कठोरता और जोड़ों के दर्द के इलाज में किया जाता है। इसे ऐसे मामलों में दिया जाता है, जहां मुंह द्वारा इसका सेवन संभव न हो।
इससे पूर्व भी की गई कार्रवाई धमतरी में कार्रवाई करते हुए 6 लाख 4 हजार के 2740 वायल, राजनांदगांव में 62 हजार रुपये के 286 वायल, रायगढ़ और खरसिया से 68,640 रुपये के 312 वायल जब्त किए गए थे।