छत्तीसगढ़ रायपुर में केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने विधि आयोग द्वारा ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) पर संदर्भ लेने का स्वागत किया है। (raipur hindi news) बैठक में पहले दिन विहिप नेताओं ने धर्मांतरण, गो-हत्या, लव जिहाद, मंदिरों की जमीन अधिगृहीत करने के मुद्दे पर भी चर्चा की।
विहिप के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, यह संतोष की बात है कि विधि आयोग ने इस विषय पर सभी हितधारकों से विचार आमंत्रित किए हैं। भारतीय समाज के सभी वर्गों के सुझाव प्राप्त कर एवं उन पर विचार कर शीघ्र ही यूसीसी को अधिनियमित किया जाना चाहिए। (raipur news) बैठक में विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरएन सिंह, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन मंत्री विनायकराव, संरक्षक दिनेश चंद्र, उपाध्यक्ष चंपत राय सहित करीब 200 पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।
विधायक-सांसद यूसीसी लाने में विफल उन्होंने कहा, संविधान के अनुच्छेद 44 सभी सरकारों को पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का निर्देश देता है। (raipur news) लेकिन यह अफसोस की बात है कि जो सांसद और विधायक भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की शपथ लेते हैं, वे संविधान के इन 73 वर्षों में भारत के सभी नागरिकों के लिए यूसीसी लाने में विफल रहे हैं।
व्यक्तिगत कानून से अधिकारों उल्लंघन उन्होंने कहा, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी धार्मिक समुदाय के व्यक्तिगत कानून महिलाओं की गरिमा, समानता और अन्य अधिकारों का गंभीर उल्लंघन करते हैं। (cg news) बहुविवाह, तलाक और उत्तराधिकार के बारे में उनके प्रावधान आधुनिक समय से लगभग 1400 वर्ष पीछे हैं।