घटना की तह तक जाने की आवश्यकता
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, यह घटना दुर्भाग्यजनक है। हम लोगों के कहने से पहले ही दोनों का कथन होना चाहिए थे। सदन की कमेटी से जांच करनी चाहिए। घटना की तह तक जाने की आवश्यकता है। यह संगीन मामला है।
सदन से नहीं की शिकायत
विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे को बोलने के लिए कहा, जो विपक्ष हंगामा करने लगे। मंत्री चौबे अपनी बात भी नहीं रख पा रहे थे। विपक्ष की मांग थी कि पहले विधायक और उनके साथ रविवार को उनके रायपुर निवास में मौजूद 18 विधायकों की बात सुनी जाए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री और सरकार की बात आए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, दोनों ने सदन में कोई शिकायत नहीं की है।
कोई एक पक्ष सुनकर निर्णय देता है क्या?
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, मैं आपकी बातों की गंभीरता को समझ रहा हूं, लेकिन क्या कोई एक पक्ष को सुनकर ही फैसला लेता है क्या? उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से कहा, आप भी तो 15 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। इस पर डॉ सिंह ने कहा, यह सामान्य घटना नहीं, बल्कि विशेष घटना हो गई है। इससे असाधारण परिस्थिति निर्मित हो गई है।
कोई कोतही नहीं बरती जाएगी- सीएम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, सभी विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। सदन प्रक्रिया से चलती है। जब तक कोई शिकायत नहीं होगी, तो कैसे सुना जाएगा। इस बीच भी सदन में हंगामा होता रहा है।
पुनिया ने की अलग-अलग चर्चा
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पुनिया सोमवार को नियमित विमान से दिल्ली जाने वाले थे, लेकिन विधानसभा में हुए हंगामा के बाद दिल्ली जाने की जगह सीधे विधानसभा पहुंचे। यहां उन्होंने पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ चर्चा की। इसके बाद उन्होंने बंद कमरे में विधायक बृहस्पत सिंह और चिंतामणी महाराज के साथ चर्चा और बाद भी स्वास्थ्य मंत्री से भी अलग से चर्चा की। माना जा रहा है कि पुनिया इस पूरे मामले की रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे।