यह आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) द्वारा 16 अक्टूबर को जारी बेरोजगारी दर के ताजा रिपोर्ट पर आधारित है। इसके पहले छत्तीसगढ़ में जून माह में बेरोजगारी दर 14.4 प्रतिशत थी। जुलाई महीने में यह घटकर 9 प्रतिशत पर आ गई। सितम्बर के आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2000 में एक साथ बने तीन राज्यों में उत्तराखंड की स्थिति ज्यादा चिंताजनक दिख रही है।
उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 22.3 प्रतिशत रही है। वहीं झारखंड में यह दर 8.2 प्रतिशत है। पड़ोसी ओडि़शा की स्थिति छत्तीसगढ़ के बेहद करीब है। मध्यप्रदेश की स्थिति भी 3.9 प्रतिशत की दर के साथ कुछ राहत वाली स्थिति में है। छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों और फैसलों से छत्तीसगढ़ में उद्योगों सहित कृषि क्षेत्र में गतिविधियां तेजी से संचालित हो रही हैं। इससे छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं और बेरोजगारी की दर में कमी दर्ज की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से कोरोना काल में भी राज्य में लोगों को आर्थिक गतिविधियों से जोड़कर रखा गया।
पड़ोसी राज्यों की ऐसी है स्थिति
ओडिशा – 2.1
तेलंगाना – 3.3
मध्यप्रदेश – 3.9
उत्तर प्रदेश – 4.2
महाराष्ट्र – 4.5
झारखंड – 8.2
बिहार – 11.9
(स्रोत : सीएमआईई की अनइंप्लॉयमेंट रेट इन इंडिया रिपोर्ट, सभी आंकड़े प्रतिशत में)
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दूसरे राज्यों की ऐसी है बेरोजगारी दर
गुजरात – 3.4
पश्चिम बंगाल – 9.3
पंजाब – 9.6
दिल्ली – 12.2
राजस्थान – 15.3
हरियाणा – 19.1
उत्तराखंड – 22.3
(स्रोत :सीएमआईई की अनइंप्लॉयमेंट रेट इन इंडिया रिपोर्ट, सभी आंकड़े प्रतिशत में)
इसके पीछे जनता के सहयोग और निचले स्तर के अधिकारीयो की मेहनत रही है। सबने मिलकर लगातार काम किया है। दूसरे प्रदेशों से लौटकर यहां 7 लाख लोग आए। वहीं जाने वाले सिर्फ 26 हजार लोग है। उद्योगपतियों ने सहयोग किया। स्टील का उत्पादन यहां सबसे पहले शुरू हुआ। आज स्टील की आपूर्ति सबसे ज्यादा छग से हो रही है। कार्ययोजना बनाकर सबके सहयोग से यह हुआ है।
– भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री
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