पर्यटकों के लिए आराम करने के लिए टूरिस्ट कॉटेज भी बनाया गया है, जहां वह मनपंसद भोजन और अन्य खाद्य सामग्री भी मिलेगी। बारिश के मौसम और वन्य प्राणियों के प्रजननकाल को देखते हुए केवल बफर जोन में प्रवेश की अनुमति दी गई है। साथ ही केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी आदेश का सख्ती के साथ पालन करने के निर्देश दिए गए है। बता दें कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद और धमतरी जिले के 1842.54 वर्ग किमी क्षेत्र मे फैला हुआ है। इसे दोनों 2009 में दोनों ही जिलों के वन परिक्षेत्र को मिलाकर बनाया गया है।
यहां राजकीय पशु वनभैंसा के साथ ही बड़ी संख्या में तेन्दुआ, नीलगाय, बायसन, गौर, जंगली सुअर, सोनकुत्ता, लकड़बघ्घा, हिरण, चौसिंगा, शाही, धारीदार, जंगली बिल्ली, अन्य दुर्लभ प्रजाति के वन्यप्राणी और 125 से ज्यादा पक्षियों की प्रजाति बढ़ी संख्या में देखने को मिलते है।टाइगर रिजर्व में पहली बार बोटिंग और बफर जोन में पर्यटकों को सैर करने का मौका मिलेगा। इसकी शुरुआत 15 सितंबर से शुरू की जा रही है। जल्द ही पैरा ग्लाईडिंग और अन्य पर्यटन सुविधा को शुरू करने की तैयारी चल रही है। -वरुण जैन, उपनिदेशक सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व

अनहोनी रोकने के लिए प्रशिक्षित ट्रेनर व लाइफ जैकेट की व्यवस्था
नौका विहार के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी घटना को रोकने के लिए प्रशिक्षित ट्रेनर के साथ ही लाइफ जैकेट की व्यवस्था की गई है। वहीं ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये लकड़ी और बांस निर्मित दो विश्राम गृह का निर्माण किया जा रहा है। यहां सुबह से लेकर शाम होने के पहले तक रुकने की अनुमति मिलेगी। बता दें कि सीतानदी-उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व मैनपुर से महज 28 किमी दूरी पर सोंढुर जलाशय स्थित है। इस जलाशन के किनारे वन विभाग द्वारा आकर्षक गार्डन का निर्माण किया गया है।