कौन सीमा से बाहर गया यह प्रबुद्घ जनता तय करेगी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, विवाद या टकराव जैसी कोई बात नहीं है। संविधान में सबके अपने दायित्व, कर्तव्य और अधिकार सुनिश्चित हैं। सरकार उसी दायरे में रहकर काम कर रही है। कहां, कौन सीमा के बाहर जा रहा है, कहां नहीं जा रहा है, इसकी विवेचना मीडिया और प्रबुद्घ जनता करेगी।
इस वजह से खड़ा हुआ ताजा विवाद
राज्य सरकार ने बुधवार को राज्यपाल के सचिव पद से आईएएस सोनमणि बोरा को हटाकर बस्तर संभाग आयुक्त रहे अमृत कुमार खलखो को जिम्मेदारी दी थी। बाद में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आपत्ति जताई। उन्होंने राजभवन के लिए उनकी सहमति से पूर्णकालिक सचिव की नियुक्ति करने को कहा। राज्यपाल ने बुधवार को गृह विभाग की समीक्षा के लिए मंत्री ताम्रध्वज साहू और अफसरों को भी राजभवन बुलाया था। क्वारंटाइन होने के कारण गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने असमर्थता जता दी और बैठक स्थगित कर दी गई।
पहले भी होते रहे हैं विवाद
– पिछले साल गरियाबंद के किडनी रोग से प्रभावित गांव सुपेबेड़ा जाने के लिए राज्यपाल ने हेलीकॉप्टर मांगा था। बाद में उन्होंने कहा, सरकार ने उन्हें हेलीकॉप्टर देने से मना कर दिया है, नहीं मिला तो भी जाऊंगी।
– कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी विवाद हुआ। सरकार की इच्छा के विपरीत राज्यपाल ने आरएसएस पृष्ठभूमि के बलदेवराज शर्मा को कुलपति नियुक्त किया।
– सरकार ने विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन कर राज्यपाल से कुलपति नियुक्ति का अनंतिम अधिकार लेने की कोशिश की। वहीं कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलने का प्रस्ताव था। राज्यपाल ने दोनों विधेयकों को वीटो कर दिया।