रायपुर

CG Film: हिंदी फिल्मों को पीछे छोड़ रहीं छत्तीसगढ़ी फिल्में, बैक टू बैक दो फिल्में हुई ब्लॉकबस्टर

CG Film: 24 साल में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि बैक टू बैक दो फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। पहली मोर छैयां भुईयां-2 और दूसरी हंडा…

रायपुरJul 21, 2024 / 08:00 am

चंदू निर्मलकर

Chhattisgarhi Film: ताबीर हुसैन. साल 1965 में जब पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘कहि देबे संदेश’ रिलीज हुई थी तो किसी ने सोचा नहीं था कि आगे चलकर कोई इंडस्ट्री खड़ी हो जाएगी। इसके ठीक बाद ‘घर द्वार’ आई और फिर सन् 2000 तक लंबा गैप हो गया। तब तक लोग भूल चुके थे कि इससे पहले भी दो फिल्में आ चुकी हैं।
CG Film: सतीश जैन ने ‘मोर छैयां भुईयां’ बनाई और इसी के साथ कमर्शियल रीजनल सिनेमा की नींव पड़ी। बीच-बीच में डाउन फाल आया लेकिन कोई न कोई फिल्म ऐसी आती गई कि रीजनल इंडस्ट्री को नवजीवन मिलता गया। पीछे मुड़कर देखें तो 200 से ज्यादा फिल्में रिलीज हुई लेकिन इनमें से 90 फीसदी फिल्में कमाई तो दूर लागत तक नहीं निकाल पाई।
24 साल में संभवत: पहली बार ऐसा हुआ है कि बैक टू बैक दो फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। पहली मोर छैयां भुईयां-2 और दूसरी हंडा। हालांकि ओवरऑल कलेक्शन के मामले में एमसीबी-2 ने हंडा को पीछे छोड़ दिया है।

Chhattisgarhi Film: हल्बी-गोंडी के बीच छत्तीसगढ़ी ने छोड़ी छाप

कोंडागांव जैसे क्षेत्र की बात करें तो वहां हल्बी, गोंडी और भरती बोली की प्रधानता है। बावजूद यहां छत्तीसगढ़ी फिल्में तीन से चार हफ्ते चल रही हैं। कोंडागांव क्षेत्र में शिक्षक और राइटर श्रवण मानिकपुरी बताते हैं, ‘ले सुरू होगे मया के कहानी’ के बाद जो भी फिल्में रिलीज हो रही हैं अच्छी चल रही हैं। पहले बमुश्किल एक सप्ताह चल जाए तो बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। एमसीबी-2 और हंडा ने अच्छा बिजनेस किया है।
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CG Blockbuster movie: 14 साल पहले भी ऐसा हुआ, लेकिन…

डिस्ट्रीब्यूटर तरुण सोनी ने बताया, 4 जून 2010 को प्रभात सिनेमा में ‘टूरा रिक्शा वाला’ रिलीज हुई थी। यह फिल्म चल ही रही थी कि 16 जुलाई को ‘मया देदे मयारू’ रिलीज हुई। ( CG Blockbuster movie ) इसे अच्छी ओपनिंग मिली। ट्रेड के कुछ लोगों ने बताया कि इस फिल्म का पहला सोमवार भी अच्छा गया। आमतौर पर किसी फिल्म की दिशा और दशा ओपनिंग के अलावा पहला सोमवार तय करता है। लेकिन मंगलवार से यह मूवी डाउन होने लगी और ‘टूरा रिक्शा वाला’ में भीड़ बढ़ने लगी।

छत्तीसगढ़ी इंडस्ट्री का गोल्डन पीरियड

निर्माता निर्देशक सतीश जैन ने पत्रिका को बताया कि जिस तरह से 3 छत्तीसगढ़ी फिल्मों ‘बीए फाइनल ईयर’, ‘एमसीबी 2’ और ‘हंडा’ ने एक के बाद एक सिनेमाघरों को गुलजार रखा और बॉलीवुड में सूखा छाया हुआ है, ये किसी चमत्कार से कम नहीं। ये छत्तीसगढ़ी इंडस्ट्री का गोल्डन पीरियड है।

क्या है ब्लॉकबस्टर फॉर्मूला

लागत निकल जाए तो एवरेज

100 रुपए लगाया और 120 आया तो हिट

100 रुपए लगाया और 150 आया तो सुपरहिट

100 रुपए लगाया और 200 आ गया तो ब्लॉकबस्टर

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