रायपुर

आदिवासियों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, कहा Education City के नाम पर पूर्व IAS ओपी चौधरी ने लूट लिया हमारा जमीन

दंतेवाड़ा के आदिवासियों ने राज्यपाल से मिलकर की शिकायत,जवांगा में भूमि अधिग्रहण के नाम पर छल करने के आरोप.

रायपुरOct 22, 2019 / 07:24 pm

CG Desk

आदिवासियों ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, कहा Education City के नाम पर पूर्व IAS ओपी चौधरी ने लूट लिया हमारा जमीन

रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा 2018 में चर्चित उम्मीदवार रहे पूर्व आईएएस अफसर ओ पी चौधरी के लिए अब मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। दंतेवाड़ा चुनाव में कांग्रेस के आड़े हाथ लेने के बाद अब दंतेवाड़ा के ग्रामीण ओ पी चौधरी के खिलाफ लामबंद हो गए हैं, ग्रामीणों ने राज्यपाल से मुलाक़ात कर मामले में लिखित शिकायत करते हुए जवांगा में भूमि अधिग्रहण के नाम पर छल करने का आरोप लगाया है।
उक्त शिकायत के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है वही भाजपा नेता की जमकर आलोचना भी शुरू हो गई है।आपको बता दें छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया से लेकर कई बड़े नेता ओ पी चौधरी पर आरोप लगा चुके हैं।अब ग्रामीणों ने राजधानी पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौपा है। ग्रामीणों का कहना है उन्हें गुमराह कर उनकी जमीन अधिग्रहित कर उन्हें बेदखल किया गया है साथ ही सुविधा देने का आश्वासन देकर उनकी जमीन हड़प ली गई है और सुविधा अब तक नही मिली।

ग्रामीणों के द्वारा सौंपा गया आवेदन

प्रति,
माननीया राज्यपाल महोदया,
छत्तीसगढ़ शासन रायपुर।

विषय :- एजुकेशन सिटी जावंगा (गीदम) में हम ग्रामवासियों की भूमि को गुमराह कर अधिग्रहित कर हमें हमारी पूर्वजों की भूमि से बेदखल करने व आश्वासन के तहत सुविधा नहीं दिये जाने के संबंध में।
महोदय,
हम निम्न हस्ताक्षरकर्ता ग्राम बड़े-पनेड़ा तहसील गीदम जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के आदिवासी हैं हम आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी करते हुए वन अधिकार के तहत दिए गए वन भूमि के पट्टे को षड्यंत्र पूर्वक निरस्त कर भूमि का उपयोग एजुकेशन सिटी जावांगा के निर्माण में कर लिया गया। हम लोग पिछले 5 सालों से कृषि कार्य से वंचित रह गए ।संपूर्ण जानकारी निम्नानुसार देते हुए आपसे निवेदन है कि हम गरीब आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी करते छल कपट एवं षड्यंत्र पूर्वक निरस्त कर पट्टाके की जांच कर कड़ी कार्यवाही करने की कृपा करें अन्यथा हमें लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात शासन तक पहुंचाने के लिए विवश होना पड़ेगा।
1. यह बात है कि जिस वन भूमि पर काबिज होकर पिछले कई वर्षों से कृषि कार्य कर रहे थे उसी भूमि का वन अधिकार के तहत तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती रीना कंगाले द्वारा कुल 17 आदिवासियों को वन भूमि पट्टे दिए गए।
2. यह कि वर्ष 2011 में तत्कालीन कलेक्टर द्वारा एजुकेशन सिटी जावांगा के निर्माण के लिए हम लोगों को भूमि खाली करने को कहा गया तथा हमें कहा गया कि इसमें नौकरी दूंगा तथा तुम लोगों के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया जाएगा तथा इस भूमि के बदले दूसरी भूमि के पट्टे दिए जाएंगे लेकिन हम लोगों ने भूमि देने से इनकार किया तो कलेक्टर ओपी चौधरी वाला थानेदार को बोलकर हम लोगों को थाने में पूरे दिन भर बैठाकर नक्सली सहयोगी बता कराया गया तथा कहा गया कि एजुकेशन बना रही है विरोध मत करो नहीं तो जेल भेज देंगे हम डर के मारे चुप हो गए।
3. महोदया यह कि हम आदिवासियों को दिए वन भूमि के पट्टे की भूमि का उपयोग किसी अन्य कार्यों में वैधानिक रूप से कोई भी नहीं ले सकता क्योंकि दिए गए पट्टों में स्पष्ट उल्लेख है कि इसे अंतरण नहीं किया जा सकता। इसलिए झूठी कहानी रची गई तथा एक षड्यंत्र रचा गया जिससे वन भूमि के दिए पट्टे निरस्त कर भूमि एजुकेशन सिटी के लिए उपयोग किए जा सके क्योंकि दूसरी कोई भूमि उपलब्ध नहीं थी।
4. महोदया षड्यंत्र के तहत ग्राम बड़े पनेड़ा के पटवारी श्री चंद्रसेन नागवंशी को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से प्रार्थी बनाकर उसे यह आवेदन बनाया गया कि ग्राम बड़े पनेड़ा की वर्तमान भूमि खसरा नं.105, 109, 110,141, 142 क्रमश रकबा 1.87हे., 1.14हे., 7.84हे., 3.05हे., 4.95हे. ग्राम बड़े पनेड़ा के लिये संहिता के प्रावधानुसार संधारि निस्तार पत्रके मद (क) इमारती लकड़ी अथवा इंधन हेतु सुरक्षित तथा मद (ख) चरोखर घास बीड़ तथा चारे के लिये सुरक्षित तथा संहिता की धारा 237 के तहत संरक्षित रही है तथा इसी उक्त खसरे की भूमि मे से 0.05 हे. भूमि लक्ष्मण पिता-सुक्को जाति-माड़िया, 0.05 हे. बुधु पिता भदरू माड़िया, 0.05हे. बेला पिता-हल्कु जाति-माड़िया, 0.05 हे. गोदरू पिता-भदरू जाति-माड़िया को छोटे झाड़ के जंगल में से 0.05हे. भूमि धुरवा पिता-पांडू माड़िया खसरा नं. 110 रकबा 7.48 हे. बड़े झाड़ के जंगल मद में से 1.00 हे. सुदरू पिता-बुधरू माड़िया 0.05 हे. आयतू पिता-कोला माड़िया 0.05 हे. सोमारू पिता-मिठू 0.05हे. दिवाड़ पिता-पंडरू माड़िया 1.00हे. बुधराम पिता-चुले माड़िया 1.00हे. लिंगा पिता-गुडी माड़िया आदि सभी ग्राम बड़े पनेड़ा को प्रदाय किये गये जो वन अधिकार पत्र निरस्त किये जाने का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इस प्रतिवेदन के आधार पर माननीय न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी दंतेवाड़ा द्वारा धारा-32 एवं सह पठित धारा 233,234,235,236 छ.ग. भू राजस्व संहिता 1959 क्रं. 20 सन 1959 के तहत राजस्व प्रकरण क्रमांक 56/अ-6(अ) 2010-11 दर्ज कर कार्यवाही शुरू की गई जिसमें प्रार्था/आवेदक/पटवारी बड़े पनेड़ा को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से बनाया गया तथा प्रत्यर्थी। अनावेदकगण में जिन लोगो को वन अधिकार के तहत वन भूमि के पट्टे दिये गये उन्हें बनाया गया।
5. यह है कि किसी भी आनावेदकों को न तो बुलाया गया न ही हमें कोई सूचना दी गई, हमें तो सूचना के अधिकार के तहत जो जानकारी प्राप्त हुई तब हमें ज्ञात हुआ कि हम लोगो के साथ छल कपट तथा षडयंत्र किया गया और नियमानुसार कार्यवाही नहीं करते हुये चुपके-चुपके हमारे वन भूमि के पट्टे निरस्त कर दिये गये तथा हमारी जमीन एजुकेशन सीटी जावंगा के निर्माण में ले ली गई।
6. यह है कि ग्राम पंचायत बड़े पनेड़ा के प्रस्ताव की कॉपी जो प्रकरण में लगाई गई है वह भी फर्जी है ग्राम कि किसी भी पंच को यह मालूम नहीं है कि यह बैठक कब हुई तथा प्रस्ताव कब लिया गया। अनुवाभिगीय अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत बड़े पनेड़ा के सचिव को बुलाकर प्रस्ताव लिखवा लिया गया।
7. महोदया कलेक्टर श्री ओपी चौधरी ने हम लोगो के पट्टे को निरस्त भूमि का उपयोग एजुकेशन सीटी में करने के पश्चात बुलाकर दूसरे पट्टे दिये तथा इन पट्टों की भूमि हमें आज तक प्राप्त नहीं हुई है मात्र कागज का एक टुकड़ा हमारे पास में है।
8. महोदया अगर निरस्त की गई भूमि पूर्व से ही निस्तार भूमि थी हम पटटे कैसे दिये गये तथा उसे निस्तार भूमि घोषित न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कर दी गई तो उस निस्तार भूमि का उपयोग एजुकेशन सीटी जावंगा के निर्माण में किस नियम के तहत लिया गया। जब भूमि निस्तारी हो गई तो फिर इस भूमि में से बुधराम, बेदर, दिवाड, फगनू, बृज बिहारी तथा आयतू को खसरा क्रं. 109,110 तथा 142 में से फिर पटटे कैसे दिये गये। ग्राम के निस्तार मद को अन्य मद मे बदलकर उपयोग या उपभोग न किया जाये। क्या इस मामलें में मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की आवमानना नही हुई।
9. एजुकेशन सीटी जावंगा के निर्माण में जो संस्था है वह तीन गांव के मध्य में बना है यह गांव जावंगा, बड़ै पनेड़ा, गीदम है। जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़े पनेड़ा का जमीन अधिक है। जिसमें बड़े पनेड़ा का जमीन 52 एकड़, जावंगा का 22 एकड़ एवं गीदम का 14 एकड़ सम्मिलित है। जबकि राष्ट्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर में एजुकेशन सीटी जावंगा का नाम लिया जाता है। इस हेतु हम ग्रामीण लोगों कोगुमराह कर प्रशासन जावंगा का नाम हर संस्था में लिखवाया गया है। इससे ग्रामीण हताशा महसूस कर रहे है। जो बड़े पनेड़ा के क्षेत्र में बनी संस्था/भवन इस प्रकार है-
1. कन्य परिसर 2. पॉलीटेकनिक छात्रावास 3. कन्या छात्रावास 4. शासकीय कन्या शाला एवं छात्रावास 5. सक्षक-1 बालक छात्रावास 6. बालिका छात्रावास 7. डी.ए.व्ही. पब्लिक स्कूल, 8. दिव्यांग छात्रावास 9. एकलव्य कन्या छात्रावास 10. उप सबरअेशन 11. बी.पी.ओं सेंटर उपरोक्त इन सभी संस्था में जावंगा का नाम उल्लेखित है, यह सब संस्थाये बड़े पनेड़ा क्षेत्र में निर्माण होने के बावजूद बड़े पनेड़ा का नाम कही पर भी उल्लेखित नहीं है। इस हेतु जिस क्षेत्र में जो संस्थाये बने है। उन संस्थाओं में बड़े पनेड़ार का नाम उल्लेखित किया जाये।
10. महोदय हमे हमारी भूमि से बेदखल होने के पश्चात हमे अपनी आजिवीका चलाने हेतु काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योकि उक्त भूमि पर वनोपज एवं कृषि से हमारा गुजारा चलता था।
11. महोदया एजुकेशन हब में हमारी जीविकोपार्जन वाली महत्तपूर्ण भूमि के एजुकेशन हब मे चले जाने के पश्चात हमारा भविष्य काफी दिक्कतपूर्ण हो गया है। हमारी आने वाली पीड़ि के लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गयी है।
अतः आपसे निवेदन है कि हमारी समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुये हम आदिवासियों के साथ षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी से अधिग्रहित भूमि के एवज में पूर्व में दिए गए आश्वासन के तहत प्रत्येक परिवार से योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दिलाने व परिवार के बच्चों को एजुकेशन सिटी के प्रत्येक संस्था में भर्ती प्राथमिकता दिलाने व एजुकेशन सिटी में हमारे ग्राम का नाम उल्लेख करने की कृपा करेंगे। इसके लिए हम सभी ग्रामीण आपके सदैव आभारी रहेंगे।
ग्रामवासी
ग्राम-बड़े पनेड़ा
जिला- दंतेवाड़ा

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