समापन के अवसर पर आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिय़ा ने कहा कि प्रशिक्षण से कौशल बढ़ता है और गुणवत्ता में विकास होता है। इसलिए समय-समय पर प्रशिक्षण का आयोजन होते रहना चाहिए। किसी भी प्रकरणों पर निर्णय देने से पहले सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट (Raipur News) के साथ ही पूर्व में दिए गए निर्णयों का अवलोकन व अध्ययन करना चाहिए।
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संशय में रहकर दिए गए निर्णय कभी भी सही नहीं हो सकते। इसलिए संशय मुक्त होकर प्रकरण की सुनवाई और निर्णय लें। इस अवसर पर खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित कानूनी पहलुओं की जानकारी देने प्रशिक्षण (CG Hindi News) का आयोजन किया गया था।ताकि पीड़ित उपभोक्ताओं के हित में बेहतर निर्णय लिया जा सके। प्रशिक्षण सत्र के दौरान आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति सीडी वाजपेयी, छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के संचालक टीसी महावर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आयोग रजिस्टार हिमांशु जैन, पूर्व रजिस्ट्रार उदय लक्ष्मी सिंह परमार प्रमुख रूप से उपस्थित थे। प्रशिक्षण सत्र के दौरान समन्वय राजकिशोर सिंह ने किया।