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इस समय रायपुर, बिलासपुर और नागपुर रेल मंडल में ही नहीं, बल्कि रेलवे के आधा दर्जन से ज्यादा रेल डिवीजनों में ब्लॉक के कारण रेल परिचालन काफी प्रभावित हो रहा है। ट्रेनें कैंसिल हो जाने पर जो यात्री महीने-दो महीने पहले से कंफर्म टिकट लेकर सफर करने की तारीख का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें अब रेलवे के काउंटरों तक टिकट कैंसिल का रिफंड लेने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। ई-टिकट वाले यात्रियों का रिफंड तो एक सप्ताह के अंदर उनके बैंक एकाउंट में वापस रेलवे लौटा देता है, लेकिन काउंटर रिजर्वेशन टिकट वाले यात्रियों को ज्यादा परेशानी झेलने पड़ रही है। क्योंकि ट्रेन कैंसिलेशन के तीन दिनों के अंदर उन्हें रिफंड लेना रेलवे ने अनिवार्य किया हुआ है। ऐसे में किन्हीं कारणों से लोग यदि इस अवधि में रिफंड नहीं ले पाते हैं तो उनका पूरा पैसा डूब जाता है।
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ये दोनों एक्सप्रेस 10 फेरे के लिए कैंसिल बिलासपुर, रायपुर से सबसे अधिक लोग छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में ही सफर करते हैं। बुधवार को यह ट्रेन भोपाल रेलवे मंडल के बुदनी-बरखेड़ा स्टेशनों के बीच नॉन इंटरलॉकिंग के लिए ब्लॉक की वजह से नहीं चली। सबसे लंबी दूरी की इस ट्रेन के साथ ही गोंडवाना एक्सप्रेस गुरुवार से कैंसिल है। इन दोनों ट्रेनों के 10 फेरों के हजारों यात्रियों की यात्रा कैंसिल हुई है। 6 एवं 7 दिसम्बर को निज़ामुद्दीन तरफ से 12410 निज़ामुद्दीन-रायगढ़ गोंडवाना एक्सप्रेस और 8 एवं 9 दिसम्बर को रायगढ़ से 12409 रायगढ़- निज़ामुद्दीन गोंडवाना एक्सप्रेस रद्द है। 6, 7 एवं 8 दिसम्बर को कोरबा से 18237 कोरबा-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस और अमृतसर तरफ से 8, 9 एवं 10 दिसम्बर को कैंसिल है। काउंटरों पर टिकट की बजाय रिफंड लेने वाले ज्यादा ट्रेन कैंसिलेशन के इस दौर में रेलवे प्रमुख रिजर्वेशन रायपुर स्टेशन के काउंटरों में इन दिनों सबसे अधिक भीड़ कैंसिल टिकट का रिफंड लेने के लिए लग रही है। रिजर्वेशन टिकट कम बन रहे हैं। क्योंकि इन दोनों एक्सप्रेस के अलावा राजनांदगांव रेलवे लाइन से होकर आने-जाने वाली कई एक्सप्रेस ट्रेनें अलग-अलग तारीखों में 14 दिसंबर के बीच कैंसिल की गई हैं।