रविवार को गोपालशरण ने गीता पर प्रवचन करते हुए बताया कि अर्जुन को श्रीकृष्ण कहते हैं कि मुझे पाने के तीन मार्ग हैं- कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग। अगर कोई व्यक्ति इन तीन मार्ग पर भी न चल सके तो मुझे सबसे आसान तरीके से पा सकता है और वो मार्ग है- शरणागति। जो भी मेरे शरण में आ जाएगा उसे इस भवसागर से पार लगने में क्षणभर भी (CG Hindi News) नहीं लगेगा।
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भंडारे में भक्तों ने लिया प्रसाद Bhagwan Shri Krishna: महाभारत के प्रसंग पर प्रवचन करते हुए गोपालशरण जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों के वचन का मान रखने के लिए अपना वचन भी भूल जाते हैं। महाभारत के युद्ध के पांचवें दिन के युद्ध समाप्ति के बाद दुर्योधन के कहने पर भीष्म पितामह ने अगले दिन जब किसी एक पांडव का वध करने का संकल्प लिया तो द्रोपदी चिंतित हो उठीं। इस पर श्रीकृष्ण के कहने पर द्रोपदी ने धोखे से भीष्म से सौभाग्यवती का आशीर्वाद मांग लिया। ऐसे में भीष्म ने श्रीकृष्ण को कहा कि अगर कल (Raipur News) मेरा प्रण टूटेगा तो मैं आपका भी युद्ध में शस्त्र न उठाने का संकल्प भी तोड़ूंगा।