उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है
•Dec 03, 2018 / 04:02 pm•
Deepak Sahu
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
रायपुर. राजधानी में सुबह शाम की ठण्ड लगातार गहराती जा रही है। लेकिन उन लोगों के लिए अभी भी कुछ भी नहीं बदला है जिनकी रात रेलवे स्टेशन के बाहर बीतती है। इनके लिए रैन बसेरे, पीएम आवास योजना, जैसी तमाम योजनाएं कोसो दूर हैं। ये अभी भी भगवान भरोसे रहकर ही अपनी ज़िन्दगी काटते हैं। अभी तक इनके लिए अलाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है। समाजसेवियों, NGO और कुछ जागरूक लोगों ने इन्हे कपडे और कम्बल वितरण कर ठण्ड से बचाव कर राहत पहुंचे है।
Hindi News / Photo Gallery / Raipur / Photo Gallery : कड़ी ठंड में भी खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं ये लोग