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कांग्रेस के बागियों की घर वापसी को लेकर काम कर रहा है। संगठन में बदलाव के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज की टीम ने काफी मेहनत की है। निष्क्रिय पदाधिकारियों की पूरी सूची तैयारी की। बदलाव के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल बैठाने का काम किया। कुछ मामलों में सफलता मिली, तो कुछ मामलों में नाराजगी भी सामने आईं।
इसके बाद भी जैसे-तैसे सूची तैयार हुई। सूची दिल्ली तक पहुंच चुकी है। अब नए साल में
संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि इस बीच नगरीय निकाय चुनाव भी है। ऐसे में चुनाव में संगठन में बदलाव का नफा हुआ या नुकसान, इसकी आंकलन चुनावी नतीजे ही करेंगे।
बागियों पर नहीं बन पा रही सहमति
कांग्रेस न बागियों की घर वापसी के लिए एक प्रदेश स्तरीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी की दिल्ली में एक अहम बैठक हुई है। बताया जाता है कि जिन लोगों ने कांग्रेस में शामिल होने का आवेदन किया है, उनमें से कई नामों पर सहमति नहीं बन पा रही है। इसमें जोगी कांग्रेस का विलय और बृहस्पत सिंह की घर वापसी पर पेंच अटका हुआ है। इस बीच कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने भी कुकरेजा पिता-पुत्र के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी है। बता दें कि जोगी परिवार का विलय कांग्रेस में करने के लिए आवेदन दिया है। इससे पहले रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के समर्थन में अपना प्रत्याशी भी नहीं उतारा था।
चुनाव में बैज की प्रतिष्ठा रहेगी दांव पर
विधानसभा चुनाव से पहले दीपक बैज को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस को अपनी सत्ता गंवानी पड़ी थीं। बैज को स्वयं विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा था। अब फरवरी में नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव होना है। संगठन में बदलाव के बाद निकाय चुनाव में बैज की प्रतिष्ठा पूरी तरह से दांव पर रहेगी।