यह भी पढ़ें: Korba News: बिजली खंभों को हटाने की कार्यवाही शुरू, 400 मीटर की सड़क उखड़ने से राहगीरों को हो रही परेशानी नगर निवेश विभाग के आंकड़े बताते हैं कि शहर में अधिकृत तौर पर केवल 4500 होर्डिंग्स हैं, जिससे नगर निगम को हर साल 8 से 9 करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है, लेकिन अवैध कारोबार की वजह से राजस्व को काफी नुकसान पहुंच रहा है। क्योंकि, शहर के सभी प्रमुख मार्गों के स्ट्रीट लाइट हो या डिवाइडर सभी में बैनर-पोस्टर लगे हैं।
सख्ती के अभाव में न तो जुर्माना वसूला जाता है और न ही कई दिनों तक नगर निगम समय पर हटाने की कार्रवाई करता है। जबकि, सड़क के बीच बिजली खंभों पर लटकते बैनर-पोस्टरों के माध्यम से कारोबार के प्रचार से लेकर नेताओं के चेहरे चमकाने का यह अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। ऐसे में वाहन चलाने वालों के ऊपर गिरने और टकराने का खतरा हमेशा बना हुआ है।
जीई रोड पर ही सैकड़ों अवैध पोस्टर
शहर की सबसे बड़ी और ट्रैफिक वाली जीई रोड पर ही टाटीबंध से लेकर तेलीबांधा तक सैकड़ों की संख्या में अवैध पोस्टर लटक रहे हैं। इनमें से ज्यादातर नेताओं के लगे हुए हैं। इसी तरह एनआईटी चौक से गोल चौक होते रिंग रोड एक तक सड़क के बीच लगे बिजली खंभों में अवैध पोस्टरों की भरमार है। ऐसी कोई सड़क नहीं, जहां बीच डिवाइडर के बिजली खंभों में लगे पोस्टरों से शहर के लोगों को खतरा न हो।मुंबई हादसे के बाद केवल जर्जर होर्डिंग्स की जांच हुई
मुंबई जैसे शहर में जर्जर होर्डिंग्स गिरने की घटना सामने आने पर रायपुर नगर निगम ने भी फुर्ती दिखाई। शहर में लोहे के ढांचों में लगे होर्डिंग्स की जांच कराई। जिसमें खतरनाक 6 ढांचों को हटाया भी, लेकिन अवैध पोस्टर-बैनर पर रोक नहीं लगी। जबकि कोई भी तीज-त्योहार हो या राजनीतिक दलों के नेताओं के आने-जाने की शुभकामना, शादी के सालगिरह हो। ऐसे बैनर-पोस्टर महीनों सड़कों के बीच तन जाते हैं। अपर आयुक्त नगर निवेश विभाग यूएस अग्रवाल का कहना है कि शहर में अवैध होर्डिँग्स, पोस्टर-बैनरों से निगम के राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है। लोगों की जान का भी खतरा है। इस पर सख्ती से रोक लगाने का प्लान बन रहा है। दिवाली से पहले निकालने का अभियान चलाया गया।