scriptछोटी ट्रेन अब केवल इतिहास बनकर रह जाएगा | The small train will now become history only | Patrika News
रायपुर

छोटी ट्रेन अब केवल इतिहास बनकर रह जाएगा

– छोटी रेल लाइन, अब एक्सप्रेस वे .

रायपुरSep 17, 2020 / 09:56 pm

CG Desk

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रापपुर। कभी रायपुर से धमतरी तक सफर करने वाले मजदूरो के लिए छोटा ट्रेन पटरी में दौड़ती थी, देश व प्रदेश मे लगातार विकास की पटरी पर फर्राटा से दौड़ रहा रेलवे अपनी करीब 130 साल पुरानी करीब आधा दर्जन छुक-छुक रेल गाड़ी को अब ऐतिहासिक विरासत के रूप में संजोकर रखेगा। छोटी टे्रनों के इंजन को आम लोगों को इतिहास के बारे में जानकारी मिलती रहेगी, वहीं ट्रेनों के हैरिटेज के रूप में प्रदर्शित करने से रायपुर रेल मंडल कार्यालयों व स्टेशन की शोभा भी बढ़ेगी।
पहले छोटी टे्रन रायपुर रेलवे स्टेशन से तेलीबांधा ,माना कैम्प,भठगांव ,केन्द्री होते हुए अभनपुर ,राजिम और धमतरी रोजाना चलता था। लेकिन 30 अप्रेल 2017 में राजिम और धमतरी के लिए चलने वाली छोटी रेल लाइन (नैरोगेज) का रायपुर से आखिरी बार तेलीबांधा स्टेशन से छूुटा, उसके बाद एक मई से रोज केंद्री स्टेशन से ही ट्रेन की शुरुवात हुई थी । अब मंदिर हसौद से धमतरी तक बड़े ट्रेन शुरु होने के कारण केन्द्री से भी छोटी ट्रेनों को बंद कर दिया गया है। जहा पर छोटी पटरी हुआ करती थी अब वहा पर एक्सप्रेस वे बन गया है।
केन्द्री में दो बोगी खड़े है लेकिन रखरखाव के अभाव में जर्जर होने के स्थिती में है। शाम लगते ही लोगों बंद रेलवे स्टेशन में शराबखोरी करने पहुच जाते है। 2017 में तेलीबांधी रेलवे स्टेशन बंद करने के बाद यहा स्टेशन की शुरुवात की गई थी।
ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ने बनाए थे इंजन
छोटी रेललाइन के इंजन को ऑस्ट्रेलिया की मेंिनंग वार्डले कंपनी ने बनाया था। कंपनी ने कुल चार इंजन तैयार किए। रेलवे की तकनीकी भाषा में इन इंजनों को आरडी इंजन के नाम से जाना गया।

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