अब ऐसे ही छत्तीशगढ़ के राजधानी रायपुर के पचपेड़ीनाका दावड़ा कॉलोनी स्थित संजीवनी कैंसर अस्पताल में एक मरीज के जबड़े को निकालकर पैर की हड्डी लगाई गई। इससे मरीज मुंह के कैंसर से बच गया। 65 वर्षीय मरीज झारखंड का रहने वाला था। यह क्रिटिकल केस था और सर्जरी में 10 घंटे से ज्यादा लगे और अब मरीज स्वस्थ है और कुछ दिनों बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
बुजुर्ग को था मुंह का कैंसर
संजीवनी कैंसर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. यूसुफ मेमन ने बताया कि बुजुर्ग को मुंह का कैंसर था। जरूरी जांच के बाद पता चला कि कैंसर जबड़े में फैलने के कारण 12 सेंटीमीटर की बड़ी और जटिल पुनर्निर्माण सर्जरी करने की जरूरत है। इसके लिए पैर की हड्डी (फिब्युला) का टुकड़ा जबड़े में लगाने का निर्णय लिया गया। फिब्युला को नसों के साथ काटकर फ्लैप बनाया गया। फिर निचले जबड़े को निकाला गया। इसके बाद पैर की हड्डी के फ्लैप को वहां पर फिक्स किया गया।
अब मरीज की स्तिथि पहले से बेहतर
इस सर्जरी में सीनियर आंको सर्जन डॉ. अर्पण चातुरमोहता, प्लास्टिक सर्जन डॉ. अनिरुद्ध गुप्ता और निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. हितेन मिस्त्री शामिल थे। डॉ. मेमन ने कहा कि कैंसर सर्जरी वृद्ध मरीजों के लिए कठिन और गंभीर मानी जाती है, लेकिन झारखंड के मरीज की सफल सर्जरी से यह स्पष्ट हो गया कि कुशल आंको सर्जन व टीम से यह सब संभव है। से इलाज के लिए आईं 65 वर्षीय मरीज की यह जटिल सर्जरी विशेषज्ञों की कुशलता से सफल रही। वही पुनर्निर्माण के बाद वह अब पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं।
एडंवास तकनीक से मरीजों की सर्जरी
डॉ. चातुरमोहता व डॉ. गुप्ता ने बताया कि संजीवनी कैंसर अस्पताल में राज्य ही नहीं, बल्कि देशभर के जरूरतमंद मरीज, कैंसर के सुरक्षित और अत्याधुनिक इलाज के लिए आते हैं। यह अस्पताल के विशेषज्ञों की टीम के लिए गर्व की बात है। मरीज अब आराम से चल-फिर सकता है। यही नहीं वह मुंह के कैंसर के फैलने से बच गया है।